शनिवार, 11 जून 2016

उचित आहार विहार का महत्व (Importance of proper dieting)

चिकित्सक हमें स्वास्थ्य लाभ देता है और वकील हमें न्याय दिलाने में सहायक होता है लेकिन हमें इन दोनों की आवश्यकता तभी पड़ती है जब हम उचित आहार विहार और आचार विचार का पालन नहीं करते। यदि हम उचित आहार विहार का नियमित पालन करें तो बीमार ही क्यों पड़ें? अगर बीमार न पड़ें तो  दवाखाने जाने या डॉक्टर बुलाने की .नौबत ही क्यों हो। उचित आहार विहार न करने, नियमित रूप से उचित दिनचर्या का पालन न करने, आलसी बने रहने, पर्याप्त नींद सोने, देर रात तक जागने, और सुबह देर तक सोये रहने, पाचन शक्ति ठीक न रहने तथा कब्ज रहने से शरीर निर्बल और दुबला पतला हो जाता है और कमजोरी बढ़ती जाती है। 
Importance of proper dieting

आचार विचार ठीक रखें तो ना तो हमें कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाने पड़ेंगे और ना तो किसी वकील की सेवाएं लेने की जरूरत पड़े। अब एक सोचने वाली विशेष बात यह है की यदि वकील पैरवी करने में भूल-चूक कर जाये तो मुलजिम छ: फुट हवा में लटक सकता है और चिकित्सा में कोई घातक भूल हो जाये तो रोगी छ: फुट जमीन के अंदर जा सकता है।
      एक कहावत है -गुजर गई गुजरान, क्या झोपडी और क्या मैदान? अतः जो बीत चुका सो बीत चुका, उसे अब बदलने से रहे, हाँ जो आने वाला समय है उसे सजाया संवारा जा सकता है इसलिये "बीती ताहि बिसार दे, आगे की सुध लेय के अनुसार हमें पिछले समय में की गयी भूलों, गलतियों और हरकतों से सबक लेकर आगे के जीवन को सुधारना चाहिये।  
जिस तरह से हंस रहा हूँ पी-पी के अश्के  गर्म, 
यूँ  दूसरा  हंसे  तो  .....  कलेजा  निकल  पड़े। 

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