शनिवार, 18 मई 2013

स्लिप डिस्क :कारण और उपचार (Slip Disc: Causes and Treatment)



Slip Disc Causes and Treatment
"A slipped disk may cause symptoms such as pain down the back of the leg (sciatica), numbness, or weakness. Read about causes, diagnosis, treatment (surgery, physical therapy), and medications."

What is a slipped disc?



"Injury or weakness causes the inner portion of a spinal disc to herniate. This is called a slipped disc and can cause discomfort. You can have a slipped disc in any part of your spine, from your neck to your lower back.





Slip disc treatment in Hindi


धुनिक काल में जहां हर क्षेत्र में मानव ने विकास किया है और सफलता के झंडे गाड़े हैं वहीं बीमारियों का शिकार होने में भी शत प्रतिशत सहयोगी बना है।अगर आज के समय में बीमारियों या शरीर के विकारों की बात की जाए तो गिनती शायद कम पड़ जाएगी मगर शरीर के विकार खत्म नहीं हो पाएंगे और इस भागती दौड़ती जिंदगी में हमारा शरीर न जाने किन-किन विकारों की चपेट में आ जाता है।आज लगभग हर आदमी को अपने जीवन काल में कमर दर्द का अनुभव होता है।अब लोगों के लिए कमर दर्द भी एक बहुत बड़ी कष्टदायक समस्या बनी हुई है और अब ये दुनिया में एक महामारी का रूप लेता जा रहा है।आज हर उम्र के लोग इससे परेशान हैं और दुनिया भर में इसके सरल व सहज इलाज की खोज जारी है। यह गंभीर दर्द कई बार स्लिप्ड डिस्क में बदलता है तो कभी-कभी इससे साइटिका हो सकता है।


Slip Disc: Causes and Treatment
स्पाइनल कॉर्ड और डिस्क: Spinal cord and discs


स्लिप्ड डिस्क को जानने के लिए रीढ की पूरी बनावट को समझना जरूरी है। स्पाइनल कॉर्ड या रीढ की हड्डी पर शरीर का पूरा वजन टिका होता है। यह शरीर को गति देती है और पेट, गर्दन, छाती और नसों की सुरक्षा करती है। स्पाइन वर्टिब्रा से मिलकर बनती है। यह सिर के निचले हिस्से से शुरू होकर टेल बोन तक होती है। स्पाइन को तीन भागों में बांटा जाता है-
1. गर्दन या सर्वाइकल वर्टिब्रा
2. छाती (थोरेसिक वर्टिब्रा)
3. लोअर बैक (लंबर वर्टिब्रा)
स्पाइन कॉर्ड की हड्डियों के बीच कुशन जैसी एक मुलायम चीज होती है, जिसे डिस्क कहा जाता है। ये डिस्क एक-दूसरे से जुडी होती हैं और वर्टिब्रा के बिलकुल बीच में स्थित होती हैं। डिस्क स्पाइन के लिए शॉक एब्जॉर्बर का काम करती है।
आगे-पीछे, दायें-बायें घूमने से डिस्क का फैलाव होता है। गलत तरीके से काम करने, पढने, उठने-बैठने या झुकने से डिस्क पर लगातार जोर पडता है। इससे स्पाइन के न‌र्व्स पर दबाव आ जाता है जो कमर में लगातार होने वाले दर्द का कारण बनता है।
स्लिप्ड डिस्क क्या है ?
What is slip disc ?
Slip Disc Causes and Treatment
दरअसल यह टर्म स्लिप्ड डिस्क समूची प्रक्रिया को सही ढंग से नहीं बता पाता। स्लिप्ड डिस्क कोई बीमारी नहीं, शरीर की मशीनरी में तकनीकी खराबी है। वास्तव में डिस्क स्लिप नहीं होती, बल्कि स्पाइनल कॉर्ड से कुछ बाहर को आ जाती है। डिस्क का बाहरी हिस्सा एक मजबूत झिल्ली से बना होता है और बीच में तरल जैलीनुमा पदार्थ होता है। डिस्क में मौजूद जैली या कुशन जैसा हिस्सा कनेक्टिव टिश्यूज के सर्कल से बाहर की ओर निकल आता है और आगे बढा हुआ हिस्सा स्पाइन कॉर्ड पर दबाव बनाता है। कई बार उम्र के साथ-साथ यह तरल पदार्थ सूखने लगता है या फिर अचानक झटके या दबाव से झिल्ली फट जाती है या कमजोर हो जाती है तो जैलीनुमा पदार्थ निकल कर नसों पर दबाव बनाने लगता है, जिसकी वजह से पैरों में दर्द या सुन्न होने की समस्या होती है।


What causes a slipped disc?

आम कारण
1. गलत पोश्चर इसका आम कारण है। लेट कर या झुक कर पढना या काम करना, कंप्यूटर के आगे बैठे रहना इसका कारण है।
2. अनियमित दिनचर्या, अचानक झुकने, वजन उठाने, झटका लगने, गलत तरीके से उठने-बैठने की वजह से दर्द हो सकता है।
3. सुस्त जीवनशैली, शारीरिक गतिविधियां कम होने, व्यायाम या पैदल न चलने से भी मसल्स कमजोर हो जाती हैं। अत्यधिक थकान से भी स्पाइन पर जोर पडता है और एक सीमा के बाद समस्या शुरू हो जाती है।
4. अत्यधिक शारीरिक श्रम, गिरने, फिसलने, दुर्घटना में चोट लगने, देर तक ड्राइविंग करने से भी डिस्क पर प्रभाव पड सकता है।
5. उम्र बढने के साथ-साथ हड्डियां कमजोर होने लगती हैं और इससे डिस्क पर जोर पडने लगता है।
खास कारण
1. जॉइंट्स के डिजेनरेशन के कारण
2. कमर की हड्डियों या रीढ की हड्डी में जन्मजात विकृति या संक्रमण
3. पैरों में कोई जन्मजात खराबी या बाद में कोई विकार पैदा होना।
किस उम्र में है खतरा
1. आमतौर पर 30 से 50 वर्ष की आयु में कमर के निचले हिस्से में स्लिप्ड डिस्क की समस्या हो सकती है।
2. 40 से 60 वर्ष की आयु तक गर्दन के पास सर्वाइकल वर्टिब्रा में समस्या होती है।
3. एक्सप‌र्ट्स के अनुसार अब 20-25 वर्ष के युवाओं में भी स्लिप डिस्क के लक्षण तेजी से देखे जा रहे हैं। देर तक बैठ कर कार्य करने के अलावा स्पीड में बाइक चलाने या सीट बेल्ट बांधे बिना ड्राइविंग करने से भी यह समस्या बढ रही है। अचानक ब्रेक लगाने से शरीर को झटका लगता है और डिस्क को चोट लग सकती है।
सामान्य लक्षण
1. नसों पर दबाव के कारण कमर दर्द, पैरों में दर्द या पैरों, एडी या पैर की अंगुलियों का सुन्न होना
2. पैर के अंगूठे या पंजे में कमजोरी
3. स्पाइनल कॉर्ड के बीच में दबाव पडने से कई बार हिप या थाईज के आसपास सुन्न महसूस करना
4. समस्या बढने पर यूरिन-स्टूल पास करने में परेशानी
5. रीढ के निचले हिस्से में असहनीय दर्द
6. चलने-फिरने, झुकने या सामान्य काम करने में भी दर्द का अनुभव। झुकने या खांसने पर शरीर में करंट सा अनुभव होना।
जांच और उपचार
Slip disc: Detection and Treatment
दर्द की निरंतरता, एक्स-रे या एमआरआइ, लक्षणों और शारीरिक जांच के माध्यम से डॉक्टर को पता चलता है कि कमर या पीठ दर्द का सही कारण क्या है और क्या यह स्लिप्ड डिस्क है। जांच के दौरान स्पॉन्डलाइटिस, डिजेनरेशन, ट्यूमर, मेटास्टेज जैसे लक्षण भी पता लग सकते हैं। कई बार एक्स-रे से सही कारणों का पता नहीं चल पाता। सीटी स्कैन, एमआरआइ या माइलोग्राफी (स्पाइनल कॉर्ड कैनाल में एक इंजेक्शन के जरिये) से सही-सही स्थिति का पता लगाया जा सकता है। इससे पता लग सकता है कि यह किस तरह का दर्द है। यह डॉक्टर ही बता सकता है कि मरीज को किस जांच की आवश्यकता है।
                                             स्लिप्ड डिस्क के ज्यादातर मरीजों को आराम करने और फिजियोथेरेपी से राहत मिल जाती है। इसमें दो से तीन हफ्ते तक पूरा आराम करना चाहिए। दर्द कम करने के लिए डॉक्टर की सलाह पर दर्द-निवारक दवाएं, मांसपेशियों को आराम पहुंचाने वाली दवाएं या कभी-कभी स्टेरॉयड्स भी दिए जाते हैं। फिजियोथेरेपी भी दर्द कम होने के बाद ही कराई जाती है। अधिकतर मामलों में सर्जरी के बिना भी समस्या हल हो जाती है। संक्षेप में इलाज की प्रक्रिया इस तरह है-
1. दर्द-निवारक दवाओं के माध्यम से रोगी को आराम पहुंचाना
2. कम से कम दो से तीन हफ्ते का बेड रेस्ट
3. दर्द कम होने के बाद फिजियोथेरेपी या कीरोप्रैक्टिक ट्रीटमेंट
4. कुछ मामलों में स्टेरॉयड्स के जरिये आराम पहुंचाने की कोशिश
5. परंपरागत तरीकों से आराम न पहुंचे तो सर्जरी ही एकमात्र विकल्प है।
लेकिन सर्जरी होगी या नहीं, यह निर्णय पूरी तरह विशेषज्ञ का होता है। ऑर्थोपेडिक्स और न्यूरो विभाग के विशेषज्ञ जांच के बाद सर्जरी का निर्णय लेते हैं। यह निर्णय तब लिया जाता है, जब स्पाइनल कॉर्ड पर दबाव बढने लगे और मरीज का दर्द इतना बढ जाए कि उसे चलने, खडे होने, बैठने या अन्य सामान्य कार्य करने में असह्य परेशानी का सामना करने पडे। ऐसी स्थिति को इमरजेंसी माना जाता है और ऐसे में पेशेंट को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत होती है, क्योंकि इसके बाद जरा सी भी देरी पक्षाघात का कारण बन सकती है।
रोगी को सलाह:Patient Advice
जांच और एमआरआइ रिपोर्ट सही हो तो स्लिप्ड डिस्क की सर्जरी आमतौर पर सफल रहती है। हालांकि कभी-कभी अपवाद भी संभव है। अगर समस्या एल 4 (स्पाइनल कॉर्ड के निचले हिस्से में मौजूद) में हो और सर्जन एल 5 खोल दे तो डिस्क मिलेगी ही नहीं, लिहाजा सर्जरी विफल होगी। हालांकि ऐसा आमतौर पर नहीं होता, लेकिन कुछ गलतियां कभी-कभार हो सकती हैं। सर्जरी के बाद रोगी को कम से कम 15-20 दिन तक बेड रेस्ट करना पडता है। इसके बाद कमर की कुछ एक्सरसाइजेज कराई जाती हैं। ध्यान रहे कि इसे किसी कुशल फिजियोथेरेपिस्ट द्वारा ही कराएं। शुरुआत में हलकी एक्सरसाइज होती हैं, धीरे-धीरे इनकी संख्या बढाई जाती है। मरीज को हार्ड बेड पर सोना चाहिए, मांसपेशियों को पूरा आराम मिलने तक आगे झुक कर कोई काम करने से बचना चाहिए। सर्जरी के बाद भी जीवनशैली सही रहे, यह जरूरी है। वजन नियंत्रित रहे, आगे झुक कर काम न करें, भारी वजन न उठाएं, लंबे समय तक एक ही पोश्चर में बैठने से बचें और कमर पर आघात या झटके से बचें।
जीवनशैली बदलें
1. नियमित तीन से छह किलोमीटर प्रतिदिन पैदल चलें। यह सर्वोत्तम व्यायाम है हर व्यक्ति के लिए।
2. देर तक स्टूल या कुर्सी पर झुक कर न बैठें। अगर डेस्क जॉब करते हैं तो ध्यान रखें कि कुर्सी आरामदेह हो और इसमें कमर को पूरा सपोर्ट मिले।
3. शारीरिक श्रम मांसपेशियों को मजबूत बनाता है। लेकिन इतना भी परिश्रम न करें कि शरीर को आघात पहुंचे।
4. देर तक न तो एक ही पोश्चर में खडे रहें और न एक स्थिति में बैठे रहें।
5. किसी भी सामान को उठाने या रखने में जल्दबाजी न करें। पानी से भरी बाल्टी उठाने, आलमारियां-मेज खिसकाने, भारी सूटकेस उठाते समय सावधानी बरतें। ये सारे कार्य इत्मीनान से करें और हडबडी न बरतें।
6. अगर भारी सामान उठाना पडे तो उसे उठाने के बजाय धकेल कर दूसरे स्थान पर ले जाने की कोशिश करें।
7. हाई हील्स और फ्लैट चप्पलों से बचें। अध्ययन बताते हैं कि हाई हील्स से कमर पर दबाव पडता है। साथ ही पूरी तरह फ्लैट चप्पलें भी पैरों के आर्च को नुकसान पहुंचाती हैं, जिससे शरीर का संतुलन बिगड सकता है।
8. सीढियां चढते-उतरते समय विशेष सावधानी रखें।
9. कुर्सी पर सही पोश्चर में बैठें। कभी एक पैर पर दूसरा पैर चढा कर न बैठें।
10. जमीन से कोई सामान उठाना हो तो झुकें नहीं, बल्कि किसी छोटे स्टूल पर बैठें या घुटनों के बल नीचे बैठें और सामान उठाएं।
11. वजन नियंत्रित रखें। वजन बढने और खासतौर पर पेट के आसपास चर्बी बढने से रीढ की हड्डी पर सीधा प्रभाव पडता है।
12. अत्यधिक मुलायम और सख्त गद्दे पर न सोएं। स्प्रिंगदार गद्दों या ढीले निवाड वाले पलंग पर सोने से भी बचें।
13. पीठ के बल सोते हैं तो कमर के नीचे एक टॉवल फोल्ड करके रखें, इससे रीढ को सपोर्ट मिलेगा।
14. कभी भी अधिक मोटा तकिया सिर के नीचे न रखें। साधारण और सिर को हलकी सी ऊंचाई देता तकिया ही बेहतर होता है।
15. मॉल्स में शॉपिंग के दौरान या किसी इवेंट या आयोजन में अधिक देर तक एक ही स्थिति में न खडे रहें। बीच-बीच में स्थिति बदलें। अगर देर तक खडे होकर काम करना पडे तो एक पैर को दूसरे पैर से छह इंच ऊपर किसी छोटे स्टूल पर रखना चाहिए।
16. अचानक झटके के साथ न उठें-बैठें।
17. देर तक ड्राइविंग करनी हो तो गर्दन और पीठ के लिए कुशंस रखें। ड्राइविंग सीट को कुछ आगे की ओर रखें, ताकि पीठ सीधी रहे।
18. दायें-बायें या पीछे देखने के लिए गर्दन को ज्यादा घुमाने के बजाय शरीर को घुमाएं।
19. पेट के बल या उलटे होकर न सोएं।
20. कमर झुका कर काम न करें। अपनी पीठ को हमेशा सीधा रखें।


Slip Disc Causes and Treatment

Homeopathic treatment for bulging disc in lower back 
Homeopathic treatment of Slip disc:
होमियोपैथिक उपचार : 
१.रस टक्स
२.आर्निका 
३.सिम्फाइटम 
४.रुटा
५.हाईप्पेरिक्म
उपर लिखित पाचों औषधियों को १००० शक्ति में ले आयें.रोग की तीव्रता के आधार पर २-६ घन्टे के अंतराल पर पर्यायक्रम से लें.यदि लाभ कम दिखाई दे तो सभी औषधियों को मिक्स कर ५-५ बूंद ४-४ घंटे पर ले.आपको अवश्य ही लाभ होगा.यह नुस्खा अजमाया हुआ है मेरा।
विशेष: स्लिप डिस्क के रोगी फिजियोथरेपिस्ट से अवश्य सलाह लें।  

चित्र साभार;देशबंधु और जागरण से 

72 टिप्‍पणियां:

  1. स्लिप डिस्क तो आजकल आम समस्या है.... अच्छी जानकारी .
    इसके निराकरण...के लिए भी बहुत बहुत धन्यवाद .

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    2. महत्वपूर्ण जानकारी...👍

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  2. अरे वाह ...
    आप होमियोपैथ हैं ..सुखद आश्चर्य हुआ राजेंद्र भाई !
    बधाई !

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  3. बहुत बढ़िया जानकारी ...बहुत शुक्रिया

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  4. बेहद उपयोगी जानकारी राजेंद्र जी,आपके इस ब्लॉग पर हमेशा बेहद उम्दा स्वास्थ्य संम्बधी जानकारी मिलती हैं,आपका आभार।

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  5. इस आम समस्या की उपयोगी जानकारी दी है आपने ...

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  6. आप इसे साधारण तौर पर न लें पहले कोई योग्य डॉक्टर से दिखाएँ. बिना देखे इस पर कोई दवा नहीं बताई जा सकती.

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  7. आप बहुत बढ़िया कार्य कर रहे हैं राजेन्‍द्र जी। बहुत सुन्‍दर श्रीमान। क्‍या सर्वाइकल से सिर भी भारी रहता है, चक्‍कर से आते हैं, सोते समय भी भूकम्‍प जैसा अनुभव होता है? ये समस्‍याएं मुझे हैं। कृपया उपाय बताएं।

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    1. चक्कर आने का सम्बन्ध सर्वाइकल से नही है,नर्वस की कुछ दूसरी गडबडी दिख रही है,किसी योग्य डॉक्टर से सलाह लें.

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  8. विस्तारपूर्वक बहुत ही उपयोगी जानकारी.

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  9. बहुत ही लाभप्रद जानकारी दिए,मेरे पिताजी को ये प्रॉब्लम है.

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  10. स्लिप्ड डिस्क के बारे में विस्तृत जानकारी देने के लिए धन्यबाद.

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  11. उपयोगी जानकारी के लिए शुक्रिया |

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  12. बहुत बढ़िया जानकारी ...बहुत शुक्रिया

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  13. स्पाइनल कॉर्ड और डिस्क के बारे में बहुत ही उपयोगी जानकारी दिए बहुत बहुत आभार.

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  14. इतनी उपयोगी जानकारी देने के लिए शुक्रिया |

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  15. बहुत उपयोगी जानकारी...आभार

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  16. राजेन्द्र जी

    उपुर्युक्त दवाईयाँ पानी के साथ लेनी है यदि हाँ तो कितने पानी के साथ या शुद्ध रूप में लेनी है???

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    1. शुद्ध डिसटिल वाटर के साथ लें करीब २ चम्मच

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    2. शुद्ध डिसटिल वाटर के साथ लें करीब २ चम्मच

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  17. सर मेरे माता जी को सिर के पीछे दर्द रहता है और आसमान या नीचे ज़मीन की तरफ देखने पर अँधेरा सा हो जाता है चक्कर भी आता है क्या ये सर्वाइकल हो सकता है ?

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  18. मूछे भी स्लीप डीक्स की पराबलेम है

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  19. Main jab bhi koi sexual activity karta hon mere kamar main kule ke pass dard hone lagta hai nashon main khichao sa aa jata hai

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  20. मेरे L4 स्लिप डिस्क हें मेरी उम्र २३ वर्ष हें मेरे बाये तरफ लगातार दर्द रहता हें क्रपया उपचार बताये. email id- cyberworld226001@gmail.com

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  21. Sir
    Mere slip disk me problem h par 3 months ho gye Shi nhi ho rha h Kya kru
    Tell me sir me chhal bhi nhi pata hu please help me

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  22. मेरी माता जी को सिर में गर्दन में और पखौरा मे असहनीय दर्द होता है डा ने सिटी स्कैन एम आर आई भी हुवा है बताते हैं कि गर्दन की हड्डी बढी है दर्द में आराम नहीं मिलने के कारण रीढ़ की हड्डीका पानी का प्रेशर बडने का कारण बताया गया फिर प्रेशर कम करने के लिए इलाज सात दिन आराम रहा उसके बाद फिर से दर्द होने लगा डॉ अब आप्रेशकसेपाईप डालकर प्रेशर कन्ट्रोल के लिए कह रहे है क्या करें

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    1. Call dr.raj pathak MD(A.M).For 100% result
      8126766252

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  23. राजेन्द्र जी जो दवाई आपने लिखी है वे आज जर्मनी की ओर भारत की दवाईयो के रूप मे उपलब्ध है तो आप हमे बताये कि हमे कोन सी लेनी चाहिए

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    1. जर्मनी की दवा लेना सही रहेगा।

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  24. मेरा नाम अंकुर जैन है और में 25 साल का ह् मेरी l4 में नीचे तरफ से दूसरे नंबर की डिस्क एक तरफ निकल गई हे और मासपेशियो को दवा रही हे जिससे दर्द बना हुआ हे और में बहुत ही दर्द बना हुआ हे।।
    आप उपाय बताये mri करबाने पर उक्त बात पता चली और आप से संपर्क करने के लिए कोई नंबर उपलब्ध कराए

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  25. Mere bhai ko kamr ki paresani thi. 12 saal ho gaye bistar par hi h.

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  26. 2 साल से स्लिप डिस्क जनित साइटिका से जूझ रहा हूँ,कमर से लेकर पैर के तलवे तक भयानक जलन झनझनाहट,सुन्नपन और दर्द है। एलोपैथी,होमियोपैथी,आयुर्वेदिक से लेकर सारे उपाय कर लिए लेकिन आराम नहीं हुआ कृपया उचित सलाह दें धन्यवाद

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  27. आपकी लेख सराहनीय है, मैंने भी कुछ गर्दन मे दर्द का घरेलू इलाज के बारे में लिखा है आशा करता हूँ अवश्य लाभ मिलेगा

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  28. मेरे पिता के पैर मे डिस्क चली गई है उनका एक पैर बिलकुल सुना हो गया है ओर बहुत दर्द हो रहा है कृपा करके जल्दी से कोई ईलाज बताए प्लीज जल्दी बताए
    फोन नं 8504052205

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  29. Meri patni ko reed ke nichle sire me bahut dard hota hi kabhi kabhi dard itna bad jata hai ki udh bet sakti jai plz upay bataiye

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  30. Meri patni ko reed ke nichle sire me bahut dard hota hi kabhi kabhi dard itna bad jata hai ki udh bet sakti jai plz upay bataiye

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  31. अरविन्द कुशवाहा3 अक्तूबर 2017 को 8:11 am बजे

    हमे सर जी स्लिप डिस्क की समस्या है जो L4-L5
    व L5-S1में है उचित सलाह दे क्या सर्जरी करने से सही हो सकता है क्या होमियोपैथी से सही हो सकता है

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  32. मेरी माताजी की उम्र 70 वर्ष है सुर वो 3 माह पूर्व चक्कर खाकर पीठ के बल गिर गयी जिसकी वजह से उनके रीढ़ की हड्डी में दबाव पड़ गया था और असहनीय दर्द होने की वजह से वो बड़ी मुश्किल से बाथरूम तक जा पाती थी और दिनभर बिस्तर में ही लेटे रहती थी।
    परंतु अब उनका बिस्तर में बैठना भी बहुत मुश्किल से हो पा रहा है ज्यादा से ज्यादा 2 मिनट बस।
    फीजियोथेरेपिस्ट को भी बुलाया है पिछले 17 दिनों से पर अभी तक कोई प्रोग्रेस नज़र नही आ रहा है।
    प्लीज उचित मार्गदर्शन करें।

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  33. Thanks for sharing your post. Try some herbal supplement for lower back pain. It will treat old pain safely.visit
    http://www.jointpainclinic.com/body-aches-pains-natural-relief-for-muscle-joint-pains.html

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  34. Hi sir, meri mummy ki kamar se per tak dard rahta h. Per sunn bhi ho jaate h kabhi to bilkul bhi chal nahi paati or kabhi to dard se so bhi nahi paati h. Dr ne MRI report k according nas dabi bataaya h. Is paresaani ko lagbhag 15 years ho gaye h. Or Dr surgary k liye kah rahe h Lakin mummy dar ki vajah se surgary nahi karwa rahi h. Meri mummy ki age 56 year ki h. Pls bataaiye ki is age m surgary karwani chahiye. Or Kyo ki ye backbone ki surgery h isiliye log bhi mummy ko mana karte h or isi dar se abhi tak surgery nahi karwani. Pls bataaiye ki backbone ki surgery sahi hone ke kitne chances hote h.

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  35. Hi sir, meri mummy ki kamar se per tak dard rahta h. Per sunn bhi ho jaate h kabhi to bilkul bhi chal nahi paati or kabhi to dard se so bhi nahi paati h. Dr ne MRI report k according nas dabi bataaya h. Is paresaani ko lagbhag 15 years ho gaye h. Or Dr surgary k liye kah rahe h Lakin mummy dar ki vajah se surgary nahi karwa rahi h. Meri mummy ki age 56 year ki h. Pls bataaiye ki is age m surgary karwani chahiye. Or Kyo ki ye backbone ki surgery h isiliye log bhi mummy ko mana karte h or isi dar se abhi tak surgery nahi karwani. Pls bataaiye ki backbone ki surgery sahi hone ke kitne chances hote h.

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इस जानकारी की सटिकता, समयबद्धता और वास्‍तविकता सुनिश्‍चित करने का हर सम्‍भव प्रयास किया गया है । हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्‍सक से अवश्‍य संपर्क करें। हमारा उद्देश्‍य आपको रोचक और ज्ञानवर्धक जानकारी मुहैया कराना मात्र है। आपका चिकित्‍सक आपकी सेहत के बारे में बेहतर जानता है और उसकी सलाह का कोई विकल्‍प नहीं है।हमारी जानकारी-आपका विचार.आपकी मार्गदर्शन की आवश्यकता है, आपकी टिप्पणियाँ उत्साहवर्धन करती है....आभार !!!

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