सिर जो तेरा चकराए...जी हां आजकल यह आम समस्या बन गयी है।आज के भागदौड़,प्रतियोगिता के युग में शायद ही कोई होगा जो कई तरह के भारी तनावों से न जूझ रहा हो। महिलाएं अब सिर्फ ग्रहणी नहीं रहीं, बल्कि घर से बाहर तमाम तरह की अहम जिम्मेदारियां संभालने में वे भी सिरदर्द और माइग्रेन जैसी कई परेशानियों से जूझ रही हैं।माइग्रेन को आम बोलचाल की भाषा में अधकपारी भी कहते हैं। यह नाम इसे इसलिए मिला क्योंकि आम तौर पर इसका शिकार होने पर सिर के आधे हिस्से में दर्द रहता है, जबकि आधा दर्द से मुक्त होता है। वैसे फ्रेंच शब्द माइग्रेन का अर्थ भी यही है। जिस हिस्से में दर्द होता है, उसकी भयावह चुभन भरी पीडा से आदमी ऐसा त्रस्त होता है कि सिर क्या बाकी शरीर का होना भी भूल जाता है। यह कोई छोटा-मोटा दर्द नहीं है। यह आपके सारे दिन की गतिविधियों को ठप्प कर देने वाला दर्द है। माइग्रेन मूल रूप से तो न्यूरोलॉजिकल समस्या है। इसमें रह-रह कर सिर में एक तरफ बहुत ही चुभन भरा दर्द होता है। यह कुछ घंटों से लेकर तीन दिन तक बना रहता है। इसमें सिरदर्द के साथ-साथ जी मिचलाने, उल्टी जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। इसके अलावा फोटोफोबिया यानी प्रकाश से परेशानी और फोनोफोबिया यानी शोर से मुश्किल भी आम बात है। माइग्रेन से परेशान एक तिहाई लोगों को इसकी जद में आने का एहसास पहले से ही हो जाता है।
माइग्रेन की पहचान:-
• क्या आपको सिर के एक हिस्से में बुरी तरह धुन देने वाले मुक्कों का एहसास होता है, और लगता है कि सिर अभी फट जाएगा?
• क्या उस वक्त आपके लिए अत्यंत साधारण काम करना भी मुश्किल हो जाता है?
• क्या आपको यह एहसास होता है कि आप किसी अंधेरी कोठरी में पड़े हैं, और दर्द कम होने पर ही इस अनुभव से निजात मिलती है?
अगर इनमें से किसी भी प्रश्न का उत्तर हां में है, तो इस बात की पूरी संभावना है कि आपको माइग्रेन हुआ है। इसलिए फौरन डॉक्टर के पास जाकर इसकी पुष्टि कर लेनी चाहिए।
ज्यादातर लोगों को माइग्रेन का पता तब चलता है, जब वे कई साल तक इस तकलीफ को ङोलने के बाद इसके लक्षणों से वाकिफ हो जाते हैं।
• क्या आपको सिर के एक हिस्से में बुरी तरह धुन देने वाले मुक्कों का एहसास होता है, और लगता है कि सिर अभी फट जाएगा?
• क्या उस वक्त आपके लिए अत्यंत साधारण काम करना भी मुश्किल हो जाता है?
• क्या आपको यह एहसास होता है कि आप किसी अंधेरी कोठरी में पड़े हैं, और दर्द कम होने पर ही इस अनुभव से निजात मिलती है?
अगर इनमें से किसी भी प्रश्न का उत्तर हां में है, तो इस बात की पूरी संभावना है कि आपको माइग्रेन हुआ है। इसलिए फौरन डॉक्टर के पास जाकर इसकी पुष्टि कर लेनी चाहिए।
ज्यादातर लोगों को माइग्रेन का पता तब चलता है, जब वे कई साल तक इस तकलीफ को ङोलने के बाद इसके लक्षणों से वाकिफ हो जाते हैं।
माइग्रेन के कारण:-
माइग्रेन होने के कई कारण हो सकते हैं। काम की थकान, तनाव, समय पर भोजन न करना, धूम्रपान, तेज गंध वाले परफ्यूम से, बहुत ज्यादा या कम नींद लेना इसका कारण हो सकते हैं। इसके अलावा मौसम का बदलाव, हार्मोनल परिवर्तन, सिर पर चोट लगना, आंखों पर स्ट्रेस पड़ना या तेज रोशनी, एक्सरसाइज न करने से भी माइग्रेन की परेशानी उत्पन्न हो सकती है। कई लोगों को तेज धूप, गर्मी या ठंड से भी परेशानी होती है। जिन लोगों को हाई या लो ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर और तनाव जैसी समस्याएं होती हैं उनके माइग्रेन से ग्रस्त होने की आशंका बढ जाती है। कई बार तो केवल इन्हीं कारणों से माइग्रेन हो जाता है।
माइग्रेन होने के कई कारण हो सकते हैं। काम की थकान, तनाव, समय पर भोजन न करना, धूम्रपान, तेज गंध वाले परफ्यूम से, बहुत ज्यादा या कम नींद लेना इसका कारण हो सकते हैं। इसके अलावा मौसम का बदलाव, हार्मोनल परिवर्तन, सिर पर चोट लगना, आंखों पर स्ट्रेस पड़ना या तेज रोशनी, एक्सरसाइज न करने से भी माइग्रेन की परेशानी उत्पन्न हो सकती है। कई लोगों को तेज धूप, गर्मी या ठंड से भी परेशानी होती है। जिन लोगों को हाई या लो ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर और तनाव जैसी समस्याएं होती हैं उनके माइग्रेन से ग्रस्त होने की आशंका बढ जाती है। कई बार तो केवल इन्हीं कारणों से माइग्रेन हो जाता है।
माइग्रेन का इलाज:-
- कभी-कभार माइग्रेन का हल्का-फुल्का दर्द होने पर दैनिक काम प्रभावित नहीं होता। विशेषज्ञों के अनुसार ऐसे रोगी बिना किसी डाक्टरी राय के सीधे दवाई विक्रेता से मिलने वाले आम दर्दमारक दवाइयां ले सकते हैं, जैसे कि क्रोसीन या गैर-स्टैरॉयड जलन मिटाने वाली गोलियां डिस्प्रिन, ब्रूफेन और नैप्रा।
- भीषण दर्द होने पर दो प्रकार की दवाएं काफी प्रभावशाली होती हैं, जिन्हें इन रोगियों को सदा अपने साथ रखना चाहिए। पहली- जलन मिटाने वाली कैफीन रहित गोलियां नैप्रा-डी, नैक्सडॉम और मेफ्टल फोर्ट। और दूसरी ट्रिप्टान दवाएं- जैसे कि सुमिनेट टैब्लेट, नैसाल स्प्रे या इंजेक्शन, राइज़ैक्ट या फिर ज़ोमिग। पहले ट्रिप्टान दवाएं तब दी जाती थीं, जब माइग्रेन पर आम पेन किलर्स का कोई असर नहीं होता था। इसके बाद नए शोध से पता चला कि भीषण दर्द में सीधे ही ट्रिप्टान दवाओं का सहारा लेना अधिक कारगर होता है। ट्रिप्टान दवाएं दर्द शुरू होने से पहले, या मामूली दर्द शुरू हो जाने पर भी ली जा सकती हैं। इससे इनका असर बढ़ जाता है। ऐसा करके माइग्रेन के ८० प्रतिशत हमलों को दो घंटे में खत्म किया जा सकता है। इससे दवा का दुष्प्रभाव (साइड-इफैक्ट) भी कम हो जाता है, और अगले २४ घंटों में माइग्रेन दर्द की संभावना भी नहीं रहती।
- वैज्ञानिको के अंनुसार जो लोग माइग्रेन के दर्द से पीड़ित होते हैं उन्हें छोटी-सी सर्जरी से फ़ायदा हो सकता है।अमरीकी डॉक्टरों का कहना है कि यदि माथे और गर्दन की कुछ माँसपेशियाँ हटा दी जाएँ तो इससे माइग्रेन से छुटकारा दिलाया पाया जा सकता है। इन डॉक्टरों ने एक साल में माइग्रेन से पीड़ित सौ लोगों की सर्जरी की और पाया कि उनमें से ९० लोगों को या तो माइग्रेन से छुटकारा मिल गया था या फिर उसमें भारी कमी आई थी।
- माइग्रेन का निवारण योगासन द्वारा सुलभ है। इसके लिए रात्रि को बिना तकिए के शवासन में सोएं। सुबह-शाम योगाभ्यास में ब्रह्म मुद्रा, कंध संचालन, मार्जरासन, शशकासन के पश्चात प्राणायाम करें। इसमें पीठ के बल लेटकर पैर मिलाकर रखें। श्वास धीरे-धीरे अंदर भरें, तब तक दोनों हाथ बिना मोड़े सिर की तरफ जमीन पर ले जाकर रखें और श्वास बाहर निकालते वक्त धीरे-धीरे दोनों हाथ बिना कोहनियों के मोड़ें व वापस यथास्थिति में रखें। ऐसा प्रतिदिन दस बार करें। अंत में कुछ देर शवासन करके नाड़िशोधन प्राणायाम दस-दस बार एक-एक स्वर में करें।
- रात्रि भोजन के बाद एक चम्मच पंचसकार चूर्ण गुनगुने पानी में चोल कर पी लीजिए ।
- सुबह उठकर नित्यकर्मों से निपट कर जिस ओर दर्द हो रहा है उस ओर के नथुने में इस घोल की दो बूंदे डाल लें । एक कप पानी में एक चम्मच सैंधव (सेंधा) नमक मिला कर घोल बना लें । सेंधा नमक वह नमक है जो लोग उपवास में खाया करते हैं ।
- किसी अच्छी कम्पनी का बना हुआ नारायण तेल लेकर सुबह माथे पर जहां कनपटी का क्षेत्र है वहां उंगली से हलके से ५-१० मिनट मालिश करें ।आपको आश्चर्य होगा कि आपको जीवन भर कैसा भी सिरदर्द होगा पर आधाशीशी (माइग्रेन) नहीं होगा
- अरोमा थेरेपी माइग्रेन के दर्द से राहत पाने के लिए आजकल खूब पसंद की जा रही है। इस तरीके में हर्बल तेलों के एक तकनीक के माध्यम से हवा में फैला दिया जाता है या फिर इसको भाप के ज़रिए चेहरे पर डाला जाता है।इसके साथ हल्का म्यूज़िक भी चलाया जाता है जो दिमाग को सुकून पहुँचाता है।
- माइग्रेन का सिरदर्द कम करने के लिए एक सबसे सरल उपचार है अपने सिर पर आइस पैक रखें। आइस पैक मस्तिष्क में रक्त के प्रवाह को नियंत्रित करने में मदद करता है और दर्द को कम कर देता है। प्रभावित क्षेत्र, कनपटी और गर्दन पर प्रभावी राहत के लिए आइस पैक को धीरे-धीरे रगड़ें।
- मैगनीशियम अक्सर माइग्रेन के मरीजों के लिए रामबाण माना जाता है। मैग्नीशियम प्रभावी ढंग से विभिन्न माइग्रेन सक्रियताओं का मुकाबला कर सकता है क्योंकि यह रक्त शर्करा और रक्तचाप के स्तर को नियंत्रित करता है। अपने आहार में 500 मिलीग्राम मैग्नीशियम की खुराक आपको माइग्रेन के दौरों का प्रभावी ढंग से इलाज करने में मदद कर सकती है।
संतुलित आहार लें:-
माइग्रेन में चिकित्सीय इलाज के अलावा संतुलित आहार बहुत जरूरी है। अगर शारीरिक कारणों से माइग्रेन हो तो पहले तो यह समझना चाहिए कि किन तत्वों की कमी या अधिकता के कारण ऐसा हो रहा है। उसके ही अनुसार अपने आहार को संतुलित कर लेना चाहिए। अगर किसी को खाद्य पदार्थो से एलर्जी के कारण माइग्रेन हो तो उसे उन फलों-सब्जियों और अनाज से बचना चाहिए, जिनसे एलर्जी हो सकती है। ऐसा पौष्टिक आहार लें जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाई जा सके।
माइग्रेन में चिकित्सीय इलाज के अलावा संतुलित आहार बहुत जरूरी है। अगर शारीरिक कारणों से माइग्रेन हो तो पहले तो यह समझना चाहिए कि किन तत्वों की कमी या अधिकता के कारण ऐसा हो रहा है। उसके ही अनुसार अपने आहार को संतुलित कर लेना चाहिए। अगर किसी को खाद्य पदार्थो से एलर्जी के कारण माइग्रेन हो तो उसे उन फलों-सब्जियों और अनाज से बचना चाहिए, जिनसे एलर्जी हो सकती है। ऐसा पौष्टिक आहार लें जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाई जा सके।
अगले पोस्ट में पढ़ें माइग्रेन का होमियोपैथिक उपचार....
बहुत मेहनत की होगी आपने इस पोस्ट को लिखने में। यक़ीनन काबिले तारीफ़ है, ये जानकारियां भी होना निहायत जरुरी है।
जवाब देंहटाएंबहु खूब . सुन्दर .
जवाब देंहटाएंसामयिक सार्थक संग्रहनीय आलेख !!
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें !!
मंगलवार 23/04/2012को आपकी यह बेहतरीन पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं ....
आपके सुझावों का स्वागत है ....
धन्यवाद .... !!
आभार आपका आदरेया.
हटाएंबहुत ही उपयोगी जानकारी,माइग्रेन का दर्द असहनीय होता है.इसके होमियो निदान जल्द बताये.
जवाब देंहटाएंआज तनाव भरी जिन्दगी में यह दर्द होना ही है,बेहतरीन पोस्ट.
जवाब देंहटाएंmigrain vartaman samaj ki bhagam bhag zindgi me ak gambhir samsya hai, sundar prastuti
जवाब देंहटाएंबहुत उपयोगी .... लाभकारी जानकारी ...
जवाब देंहटाएंअनुपम
जवाब देंहटाएंसार्थक
उत्कृष्ट प्रस्तुति
बधाई
बहुत ही उपयोगी जानकारी । कहीं से मुझे भी यही पता चला कि माइग्रेन का मुख्य कारण है कब्ज और नींद पूरी न होना । इसे मैंने सच भी पाया ।
जवाब देंहटाएंबहुत ही उपयोगी जानकारी । कहीं से मुझे भी यही पता चला कि माइग्रेन का मुख्य कारण है कब्ज और नींद पूरी न होना । इसे मैंने सच भी पाया ।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी जानकारी है ये ....आपके पास तो खज़ाना है जानकारियों का
जवाब देंहटाएंबहुत ही उपयोगी और ज्ञानवर्धक जानकारी
जवाब देंहटाएंपित्त की थैली की पथरी के कारण ,निवारण बताएं ,क्या बिना चीरफाड़ इसका इलाज संभव हैं ?
जवाब देंहटाएंसर्वप्रथम आभार आपका,पित पथरी थोडा मुश्किल होता है,यदि पथरी की आकर बड़ा हो गया होगा तो एकमात्र विकल्प आपरेशन ही है.कोलेस्ट्राल रहित भोजन का सेवन करें,गाजर ककड़ी,नीबूं का रस लाभप्रद है.ओलिव आयल ३ ओउन्स,पिपरमेंट चूर्ण ३ ग्रेन,1 नंबर ब्रांडी २ ड्रम मिला कर पीने से दर्द घट जाता है.इस पर कभी पोस्ट लिखूंगा.
हटाएंबहुत ही उपयोगी जानकारी की प्रस्तुती,गाँव में तो बहुत ही परेशानी है.
जवाब देंहटाएंmaigren is vey painful,thanks for your useful information.
जवाब देंहटाएंवास्तव मे मैगरेन दुखदयि होत है गलत आहर विहार हि करन है बहुत हि उपयोगी जानकारी
जवाब देंहटाएंसर्वप्रथम इतने महत्वपूर्ण स्वास्थ्यकारी और उपयोगी आलेखों के लिखने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। निश्चय ही आप बहुत अच्छा कार्य कर रहे हैं। मैग्नीशियम में आनेवाले खाद्य पदार्थों पर प्रकाश डालने का कष्ट करें।
जवाब देंहटाएंसाबुत अनाज,दल,सोयाबीन,बादाम,उबले आलू, हरी पत्तेदार सब्ब्जियों में मैग्नीशियम पाया जाता है, धन्यबाद.
हटाएं
जवाब देंहटाएंमीग्रेन पर बढ़िया प्रस्तुति चीनी मसाले अज़िथोमोतो आदि भी इसको भड़का सकते हैं .
जी हाँ आजकल चाट वगरह में अजीनोमोटो का उपयोग किया जा रहा है जो नुकसान दायक है.
हटाएंbahut hi upyogi jaankari .....rajendra jee .......aabhar ....
जवाब देंहटाएंधन्यबाद निशा जी.
हटाएंupayogi jankaari..abhar
जवाब देंहटाएंधन्यबाद...
हटाएंबहुत ही उपयोगी और ज्ञानवर्धक जानकारी राजेंद्र जी आभार।
जवाब देंहटाएंविचार देने के लिए आभार.
हटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंनवसम्वत्सर-२०७० की हार्दिक शुभकामनाएँ स्वीकार करें!
आपको भी नवसम्वत्सर-२०७० की हार्दिक शुभकामनाएँ.
हटाएंबहुत उपयोगी जानकारियाँ साझा की हैं आपने आदरणीय राजेंन्द्र सर........
जवाब देंहटाएंआपका स्वागत है...
हटाएंआपका स्वागत है इस ब्लॉग पर,चर्चामंच के चयन के लिए आभार.
जवाब देंहटाएंलाभकारी जानकारी .
जवाब देंहटाएं...बहुत उपयुक्त और अच्छी जानकारी आपने दी है!...आभार!
जवाब देंहटाएंबहुत ही उपयोगी जानकारी आपने दी है ..........नवसम्वत्सर की हार्दिक शुभकामनाएँ.
जवाब देंहटाएंsir
जवाब देंहटाएंmeri patni ke sir me aksar dard rahta hai allopath dava bahut karaya par thik nahi huva kabhi kabhi sir dard bahut tej hota hai koi upay bataye
Thanks for sharing your post. You can use herbal supplement for migraine headache. It is beneficial for migraine sufferers.visit http://www.hashmidawakhana.org/natural-remedies-for-migraine-headaches.html
जवाब देंहटाएंMigrokill capsule helps in eliminating migraine issues.
जवाब देंहटाएंHerbal migraine treatment helps to alleviate the pain associated with this condition and also work towards in reducing the frequency of occurrence of these headaches.visit http://www.hashmidawakhana.org/natural-remedies-for-migraine-headaches.html
जवाब देंहटाएंI had migraine last year and used migrokill capsule for at least two months and got complete relief. It was a great result.
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