गुरुवार, 13 दिसंबर 2012

"We must works hard for Homeopathy"


"We must works hard for Homeopathy"

"We must works hard for Homeopathy"
We are followers of Homeopathy 
must work hand to spread the
massage for Homeopathy
To every corner of the world
To be know by every person of the world
By its unique way of treatment
We must work hard for Homeopathy.
Homeopathy is unique in its way
by its gentle way of treatments
It leads to permanents restoration
of health without any further derangement
principles of it are axiomatic truth 
We must work hard for Homeopathy.
Homeopathy is safer,simple and economical
for people from all walk of life
Preferred by infant,children,young and old
To remove illness and make the body bold
Homeopathy,infect is better than gold
We must work hard for Homeopathy.
It is preventive,effective and curative.



होमियोपैथी दुनिया भर में एक जानी मानी चिकित्सीय पद्धति है।इस पद्धति में मानसिक लक्षणों और रोग के लक्षणों के आधार पर चिकित्सा की जाती है।होमियोपैथी में रोगी की स्तिथि पर लगातार नजर रखते हुए सावधानी पूर्वक इलाज किया जाता है।मैं होम्योपैथि का बिद्वान नही हूँ।कुछ सालो के प्रक्टिस,महान गुरुजनों के सानिध्य और उपयोगी ग्रंथो के अध्ययन से कुछ लिखने का साहस जूटा पाया हूँ। होमियोपैथी चिकित्सा के कुछ बेसिक बाते निम्न है ............


  1. किसी भी बीमारी की चिकित्सा करते समय ---रोगी के धातुगत लक्षण,मानसिक लक्षण और रोग के लक्षणों के साथ जिस दवा के लक्षणों (Majority of symptoms) सबसे अधिक मेल खाता हो,उसी दवा का प्रयोग सर्वप्रथम करना चाहिए।
  2. दवा का परिमाण और मात्रा कम से कम होनी चाहिए। इससे फायदा भी अधिक होता है और प्रभाव भी स्थाई होता है।
  3. इस चिकित्सा पद्धति में धैर्य और गहन अनुभव की जरूरत होती है।
  4. होम्योपैथिक दवाए रोगी की जीवनी शक्ति को उत्प्रेरित कर उसे रोग से मुक्ति दिलाती है।
  5. होम्योपैथिक दवाएँ विश्व के सभी चिकित्सा पद्धति से सस्ती एव निरापद है।
  6. पुराना से पुराना रोग भी होमियोपैथी चिकित्सा से समाप्त किया जा सकता है।
  7. होम्योपैथिक दवाएँ बिलकुल हानिरहित और बिना साइड इफेक्ट के रोग को जद से समाप्त करने में सक्षम है।
  8. होम्योपैथि में रोग प्रतिरोधक दवाएँ भी उपलब्ध है जो हमारे शरीर को रोगप्रतिरोधी बना देते है।
  9. होम्योपैथि में बीमारी के आधार पर नही,मरीज के तन-मन की हालत को गहराई से देखकर ही इलाज किया जाता है।
  10. होम्योपैथि में रोग का नही रोगी का इलाज किया जाता है। इसके लिए रोगी के शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत किया जाता है ताकि वह खुद ही बीमारी से लड़ सके।
  11. कोई नयी बीमार, जैसे ज्वर,दस्त आदि में होमेओपैथिक दवाएँ जल्द ही असर दिखाना शुरू कर देती है।जटिल पुरानी बीमारी की चिकित्सा में देर हो सकती है।
  12. दवा लेने से पहले मुहँ को अच्छी तरह साफ कर लेना चाहिए, जीभ एकदम साफ होनी चाहिए क्योकि होमिओ दवाएँ जीभ की नर्व से कIम करती है। दवा की पहली खुराक खाली पेट लेना चाहिए।
  13. होम्योपैथिक दवा लेने के 15-20 मिनट पहले और बाद में कुछ भी खाना पीना नही चाहिए। दवा लेने के बाद कुछ देर शांतिपूर्वक रहें।
  14. दवा सेवन करते समय चूना ,सोडा,लेमोनेड,सिरका एव सुगन्धित पदार्थ का उपयोग न करें। खड़िया या तीते पदार्थो से दन्त मांजना भी बर्जित है।सुगन्धित तेल,तेज गंध वाली चीजे जैसे प्याज,लहसुन,गरम मसाले ,कपूर,शराब,नशीले पदार्थ,चाय-काफ़ी इत्यादि पदार्थो से बचे।
  15. पान,बीडी,गुटखा और सिगरेट से बचना चाहिए क्योकि इनका सेवन करने पर दवाएँ कम असर करती हैं।यदि इनका सेवन करना जरूरी हो तो दवा लेने के एक घंटे आगे पीछे करें।
  16. होम्योपैथिक दवाएँ रखने की जगह पर कपूर,युक्लिप्टस,नैप्थेलैन इत्यादि तीब्र गंध वाली चीजे नही रखना चहिये।दवा की बाटल को धुप से भी बचाना चाहिए।होम्योपैथिक दवा का बक्सा रखने का कमरा साफ-सुथरा और उजालेदार होना आवश्यक है।
  17. दवा की शीशी में या नीचे तली में सफेद फूही या रुई के रेशे की तरह पदार्थ रहने पर या दवा का रंग बदल जाय तो समझ लेना चाहिए के दवा नष्ट हो गयी है। यदि घर में चूना,गंधक आदि जलाने और फिनाइल से धोने की जरूरत हो तो दवा को दुसरे कमरे में हटा लेना चाहिए।
  18. होम्योपैथिक दवाओं के साइड इफेक्ट नही होते है परन्तु कुछ दवाओ में जहर होता है उनका उचित मात्रा से अधिक सेवन करने पर हानि हो सकता है।
  19. होम्योपैथिक दवाएँ तरल रूप होती है। इसे सफेद गोलियों या पाउडर के माध्यम से ली जाती है। दवा लेते समय गोलियों या पाउडर को हाथ के सम्पर्क में आने से बचाना चाहिए। मदर टिंचर दवा को पानी के साथ लेना चाहिए।
  20. एक महत्वपूर्ण बात यदि कोई रोगी आयुर्वेदिक या एलोपथिक चिकित्सा के बाद होम्योपैथिक के शरण में आये तो पहले पहल 6ठी शक्ति की दवा से चिकित्सा आरम्भ करनी चाहिए।होम्योपैथि के छोड़े हुए रोगी को 30वी शक्ति की दवा से शुरू करें।
                                                          

                           



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3 टिप्‍पणियां:

  1. mera homeopathy me vishvaas hai, ye alekh padhkar kuchh nayi jankari bhi mili, shukriya.

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  2. होमोपथी पर सुन्दर उपयोगी जानकारी.

    जवाब देंहटाएं
  3. होमियोपैथी: अद्भुत उपचार पद्धति
    रत तथा अन्य कई देशों में होमियोपैथी के क्लिनिकल अध्ययन किये जाते रहे हैं. होमियोपैथी कि चर्चा करते हुए अक्सर एक रोचक तथ्य कि बात होती है कि 'एलोपैथी' शब्द कि शुरुआत होमियोपैथी के संस्थापक श्री तेजोमैन द्वारा की गई थी, जिसका अर्थ है 'लक्षणों कि चिकित्सा'. यह सत्य तो सर्वविदित है कि होमियोपैथी चिकित्सा रोग के मूल कारणों को नष्ट करती है.
    http://shabdanagari.in/Website/Article/होमियोपैथीअद्भुतउपचारपद्धति

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