2009 में रिलीज हुई हिंदी फिल्म "पा" को आप सब ने देखा होगा.इसमें अमिताभ बच्चन जी ने प्रोजेरिया रोग से ग्रस्त बच्चे (ओरो)की भूमिका की है.आज तक कुदरत की कलाकारी को कोई भी
नहीं समझ पाया। इंसान चाहे कितना पढ़-लिख जाये, लेकिन प्रकृति किसी भी कदम को समझने में कहीं भी सफल नहीं
हो पाता। जब फेल हो जाता है तो हार मानकर कह देता है ‘कुछ समझ में नहीं आ रहा है।’प्रकृति
किसी को लम्बा तो दूसरे को ठिगना, तीसरे को गहरा काला तो उसकी तुलना में अगले को निहायत गोरा।
एक को इतना मोटा कि बैठे-बैठे ही सांस लेनी मुश्किल तो उसके विपरीत एक और को बेहद
पतला कि लगे जैसे हवा में उड़ जायेगा। ऐसे ही इंसान में एक बीमारी हो जाती है, जिसमें यह
छोटी उम्र में ही बुजुर्ग जैसा लगने लगता है। यह ‘प्रेजेरिया’ कहलाती है।प्रोजेरिया (Progeria) एक ऐसा रोग है जिसमें कम उम्र के बच्चों में भी बुढ़ापे के
लक्षण दिखने लगते हैं। यह अत्यन्त दुर्लभ (rare) वंशानुगत
रोग है। इसे 'हचिंगसन-गिल्फोर्ड प्रोजेरिया सिंड्रोम' या हचिंगसन-गिल्फोर्ड सिंड्रोम' भी कहते हैं।
प्रोजेरिया एक
आनुवांशिक बीमारी है। लैमिन-ए जीन में गड़बड़ी होने की वजह से यह बीमारी होती है।
यह बीमारी अचानक ही हो जाती है और 100 में से एक मामले में ही यह बीमारी अगली
पीढ़ी तक जाती है। ये एक विरली बीमारी रोग है और इसीलिए करीब 80 लाख में से एक
व्यक्ति में पाई जाती है।आर्टेमिस अस्पताल के डॉ. छाबड़ा का कहना है कि प्रोजेरिया
एक जन्मजात बीमारी और इसमें खास ध्यान देने वाली बात यह है कि जैसे बुढ़ापे में
ट्यूमर होता है, इसमें वह नहीं होता है। ज्यादातर बदलाव त्वचा, धमनी और
माँसपेशियों में ही रहते हैं। आमतौर पर दो साल की उम्र तक ऐसे लक्षण दिखने लग जाते
हैं जिनसे पता लगाया जा सकता है कि बच्चे की वृद्धि नहीं हो रही है। बाल झड़ जाते
हैं और दाँत खराब होने लगते हैं। अभी तक इसका कोई इलाज नहीं आया है। इस बारे में
अभी तक प्रयोग के आधार पर जो भी कोशिश हो रही हैं उनका मकसद इनमें कोलेस्ट्रोल को
कम करना है ताकि उनके जीवन को लंबा किया जा सके।
बीमार को ऐसे पहचान
सकते हैं- मानसिक उम्र उतनी ही, लेकिन
शारीरिक उम्र बढ़ती जाती है। मतलब बहुत कम उम्र में ही बुजुर्गों जैसे लक्षण व हाव-भाव
दिखने लगते हैं।
- 12-13 वर्ष उम्र में पहुंचते-पहुंचते 64-65 वर्ष उम्र
वाले जैसा दिखाई पड़ने लगता है।
- शरीर से चर्बी कम होती जाती है।
- हड्डियों का विकास रूक-सा जाता है।
- शारीरिक विकास अधिक होता है।
- गंजापन।
- चेहरा छोटा, जबड़ा भी छोटा होता जाता है।
- शरीर की खाल में बुजुर्गों जैसी झुर्रियां पड़ती जाती है।
- खून नलियों में बुजुर्गों की तरह कड़ापन (ऐथेरो स्क्लीरोसिस)।
- त्वचा रोग (स्क्लेरोडर्मा)।
- नाक पिचकी हुई।
- दिल की बीमारियां भी हो सकती हैं।
रोगी का इलाज ऐसे हो सकता है – इसका इलाज मुश्किल हे लेकिन फिर भी हार्मोनिक थैरोपी से थोड़ा बहुत लाभ हो सकता है।
होमियोपैथिक चिकित्सा– यह पैथी किसी विशेष बीमारी का इलाज न कर लक्षणों के आधार पर व्यक्ति की पीड़ा में मानसिक व शारीरिक तौर पर लाभ पहुंचाती है। समान लक्षणों के आधार पर काफी हद तक लाभ पहुंचा सकती है जैसे-
- उम्र से अधिक लगना-बैरायटा कार्ब, कैल्के, फॉस आदि।
- गंजापन- नैट्रम म्यौर, एसिड फॉस आदि।
- झुर्रीदार खाल बुजुर्गों जैसी-एब्रोटे, क्रियोजोट आदि।
- दिली बीमारी- कैक्टस, क्रैटेगस आदि।
-खून की कमी-फैरम फॉस, लिसिथिन आदि।
रोगी की मृत्यु – लगभग दस वर्ष उम्र से कम समय में दिली बीमारी से हो सकता है।
- शरीर से चर्बी कम होती जाती है।
- हड्डियों का विकास रूक-सा जाता है।
- शारीरिक विकास अधिक होता है।
- गंजापन।
- चेहरा छोटा, जबड़ा भी छोटा होता जाता है।
- शरीर की खाल में बुजुर्गों जैसी झुर्रियां पड़ती जाती है।
- खून नलियों में बुजुर्गों की तरह कड़ापन (ऐथेरो स्क्लीरोसिस)।
- त्वचा रोग (स्क्लेरोडर्मा)।
- नाक पिचकी हुई।
- दिल की बीमारियां भी हो सकती हैं।
रोगी का इलाज ऐसे हो सकता है – इसका इलाज मुश्किल हे लेकिन फिर भी हार्मोनिक थैरोपी से थोड़ा बहुत लाभ हो सकता है।
होमियोपैथिक चिकित्सा– यह पैथी किसी विशेष बीमारी का इलाज न कर लक्षणों के आधार पर व्यक्ति की पीड़ा में मानसिक व शारीरिक तौर पर लाभ पहुंचाती है। समान लक्षणों के आधार पर काफी हद तक लाभ पहुंचा सकती है जैसे-
- उम्र से अधिक लगना-बैरायटा कार्ब, कैल्के, फॉस आदि।
- गंजापन- नैट्रम म्यौर, एसिड फॉस आदि।
- झुर्रीदार खाल बुजुर्गों जैसी-एब्रोटे, क्रियोजोट आदि।
- दिली बीमारी- कैक्टस, क्रैटेगस आदि।
-खून की कमी-फैरम फॉस, लिसिथिन आदि।
रोगी की मृत्यु – लगभग दस वर्ष उम्र से कम समय में दिली बीमारी से हो सकता है।
ज्ञानवर्धक जानकारी के लिए शुक्रिया हुज़ूर |
जवाब देंहटाएंधन्यबाद महोदय.
हटाएंअत्यंत ज्ञान वर्धक जानकारी राजेंदर जी,आपको होली की शुभकामनाएँ।
जवाब देंहटाएं-आइये जानते हैं ट्विटर की दुनियाँ के बारे में-
आपका आभार मनोज जी.
हटाएंबहुत ज्ञानवर्धक जानकारी...होली की हार्दिक शुभकामनायें!
जवाब देंहटाएंआपका आभार आदरणीय.
हटाएंoh ...adbhut ....
जवाब देंहटाएंआपका आभार आदरेया.
हटाएंबहुत ही रोचक जानकारी,होली की शुभकामनायें.
जवाब देंहटाएंआभार मित्रवर.
हटाएंbahut hi sarthk jankari,maine bhi film dekha th,holi ki mubarkbad.
जवाब देंहटाएंआभार मित्रवर.
हटाएंउपयोगी और ज्ञानवर्धक जानकारी के लिए धन्यबाद,होली मुबारक.
जवाब देंहटाएंआभार मित्रवर.
हटाएंज्ञानवर्धक जानकारी ,होली की शुभकामनायें.
जवाब देंहटाएंआपको भी होली की शुभकामनाये.
हटाएंलाभप्रद और रोचक जानकारी,आभार.
जवाब देंहटाएंआपका आभार.
हटाएंnihsandeh gyanvardhak prastuti,HOILO KI SHUBHKAMNAYEN
जवाब देंहटाएंआपका आभार आदरणीय,होली की मंगलकामना.
हटाएंएक उपयोगी और ज्ञानवर्धक जानकारी के लिए आपका धन्यवाद...
जवाब देंहटाएंआपलोगों का सादर धन्यबाद.
हटाएं