भ्रांति : क्या होमियोपैथी एक अप्रामाणिक चिकित्सा विज्ञान है?
सच : ऐसा बिल्कुल नहीं. कई शोध के बाद यह पाया गया है कि यह चिकित्सा विज्ञान है, क्योंकि इन दवाओं का प्रभाव मानव शरीर पर ही नहीं, बल्कि जानवरों एवं पौधों पर भी पाया गया है. इन्हीं प्रमाणों के आधार पर यह अन्य चिकित्सा प्रणाली के सामान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनायी गयी है.
सच : ऐसा बिल्कुल नहीं. कई शोध के बाद यह पाया गया है कि यह चिकित्सा विज्ञान है, क्योंकि इन दवाओं का प्रभाव मानव शरीर पर ही नहीं, बल्कि जानवरों एवं पौधों पर भी पाया गया है. इन्हीं प्रमाणों के आधार पर यह अन्य चिकित्सा प्रणाली के सामान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनायी गयी है.
भ्रांति : होमियोपैथी दवा बहुत धीरे-धीरे असर करती है. रोग को ठीक करने में काफी समय लेती है?
सच : ऐसा बिल्कुल नहीं है. होमियोपैथी दवा की क्रिया निम्न कारणों पर निर्भर है जैसे.. कोई व्यक्ति किसी रोग से अचानक ग्रसित होता है. जैसे संक्रमण, बुखार, सर्दी इत्यादि. ऐसे रोगी को उपयुक्त होमियोपैथी दवा का चयन कर बहुत ही कम समय में रोगमुक्त कर सकते हैं.
पुराने रोग से ग्रसित व्यक्ति को रोगमुक्त करने में कुछ समय लग सकता है, परंतु कुछ पुराने रोग जैसे -एक्जिमा, सराइसिस(त्वचा रोग), अस्थमा, अर्थराइटिस आदि से ग्रसित रोगी यदि दवा का सेवन निरंतर व समय से करें, तो फायदा होगा.
यदि होमियोपैथी दवा का चयन उचित होता है. वह पूर्ण रूप से रोग मुक्त हो जाता है. रोगी को उसकी प्रारंभिक रोगमुक्त अवस्था में ला देता है, परंतु यह स्वाभाविक है कि कुछ समय दवा को कार्य करने में लग सकता है.
भ्रांति : होमियोपैथी प्रारंभ में रोग को बढ़ाती है?
सच : नहीं, ज्यादातर रोगों में ऐसा नहीं होता है. हालांकि, कुछ परिस्थितियों में रोगी होमियोपैथिक दवा खाने के बाद अपने कुछ लक्षणों में वृद्धि होने की शिकायत करता है, जबकि वास्तव में ऐसा होता नहीं है. लक्षणों के बढ़ने के दो कारण हो सकते हैं.
यदि किसी रोगी ने होमियोपैथिक दवा सेवन करने से पहले किसी अन्य चिकित्सा पद्धति का सहारा लिया है, तो उस चिकित्सा के फलस्वरूप, वो अपने रोग को कुछ समय के लिए दबा लेता है, लेकिन रोगमुक्त नहीं करता, परंतु जैसे ही वो होमियोपैथी दवा का सहारा लेता है, तो उसके शरीर में उपस्थित वे सारे लक्षण जो कि नॉन होमियोपैथी दवाओं से दबा कर दिये गये थे, पुन: प्रकट हो जाते हैं. ज्यादातर ऐसी स्थिति चर्म रोग से ग्रसित रोगियों में पायी जाती है, जिन्हें मलहम द्वारा दबा दिया जाता है. यही कारण है कि लोगों में ये धारणा बैठ गयी है कि होमियोपैथी रोग को बढ़ाती है.
यदि किसी रोगी ने होमियोपैथिक दवा सेवन करने से पहले किसी अन्य चिकित्सा पद्धति का सहारा लिया है, तो उस चिकित्सा के फलस्वरूप, वो अपने रोग को कुछ समय के लिए दबा लेता है, लेकिन रोगमुक्त नहीं करता, परंतु जैसे ही वो होमियोपैथी दवा का सहारा लेता है, तो उसके शरीर में उपस्थित वे सारे लक्षण जो कि नॉन होमियोपैथी दवाओं से दबा कर दिये गये थे, पुन: प्रकट हो जाते हैं. ज्यादातर ऐसी स्थिति चर्म रोग से ग्रसित रोगियों में पायी जाती है, जिन्हें मलहम द्वारा दबा दिया जाता है. यही कारण है कि लोगों में ये धारणा बैठ गयी है कि होमियोपैथी रोग को बढ़ाती है.
दूसरा कारण यह भी हो सकता है कि जिस उचित होमियोपैथी दवा का चुनाव रोगी के लिए किया गया, उस दवा की शक्ति, रोग की शक्ति से ज्यादा हो गयी, अर्थात जिस शक्ति की दवा की जरूरत रोगी को थी, उस शक्ति की दवा न देकर उस रोगी को उससे ऊंची शक्ति की दवा दे दी गयी. इसके फलस्वरूप एकाएक लक्षणों की तीव्रता बढ़ जाती है, परंतु लक्षणों की तीव्रता लंबे समय तक नहीं रहती और कुछ समय पश्चात अपने आप सामान्य हो जाती है.
भ्रांति : क्या होमियोपैथी से सभी प्रकार के रोग ठीक किये जा सकते हैं?
सच : ऐसा कहना गलत होगा, क्योंकि हर चिकित्सा पद्धति का अपना विस्तार क्षेत्र एवं सीमित दायरा होता है. इसी प्रकार इस चिकित्सा पद्धति के साथ भी है. होमियोपैथी के द्वारा वो सारी समस्याएं जो क्यूट या क्रोनिक डिजीज ठीक की जा सकती है, परंतु यदि कोई बीमारी सजिर्कल है, तो उसके लिए सजिर्कल ही उपाय है.
परंतु कुछ ऐसी भी बीमारियां हैं, जो पूर्ण रूप से सजिर्कल नहीं होतीं जैसे- टांसिल का बढ़ जाना, नाक में मांस बढ़ना, गुर्दे की पत्थरी, मस्सा, बवासीर, भगंदर, मलद्वार में पफटे घाव बच्चेदानी में ट्यूमर, स्तन का ट्यूमर, ओवरी का ट्यूमर इत्यादि. ऐसी बीमारियों का बिना सजिर्कल किये हुए यदि होमियोपैथी चिकित्सा करायी जाये, तो रोगी इन समस्याओं से निजात पा सकता है .
भ्रांति : क्या होमियोपैथी दवा का सेवन करने से दवा का साइट इफेक्ट भी देखने को मिलता है?
सच: होमियोपैथी दवा का सेवन आसानी से किया जा सकता है, क्योंकि इन दवाओं का साइड इफेक्ट नहीं होता. दवा का तात्पर्य उन दवाओं से है, जो किसी विशेष अंग पर ही काम करती है या किसी विशेष अंग-तंत्र पर ही अपना प्रभाव दिखाती है.
जैसे- स्ट्रोप्टोमाइसिन एक एंटी टय़ूबरकूलर ड्रग है, जिसका क्षय रोग में बेहतरीन परिणाम हमें देखने को मिलता है, परंतु साइड इफेक्ट यह है कि ये कान की नस को प्रभावित करती है और बहरापन की समस्या उत्पन्न कर सकती है. होमियोपैथी दवा का चुनाव विशेष अंग या अंग-तंत्र के आधार पर नहीं किया जाता. होमियोपैथी दवा का चुनाव रोगी को ध्यान में रखते हुए उसके सम्मिलित लक्षणों के आधार पर किया जाता है. इसलिए होमियोपैथी चिकित्सा के अंतर्गत विपरीत साइड हमें देखने को नहीं मिलता.
भ्रांति : होमियोपैथी चिकित्सा के दौरान चाय, प्याज, लहसुन, अदरक, हींग आदि का सेवन वजिर्त है ?
सच : यह सत्य नहीं है. प्याज, लहसुन, चाय, कॉफी, पान आदि सभी होमियोपैथी दवा के प्रभाव को नष्ट नहीं करते हैं. कुछ ऐसी चीजें हैं, जो कुछ होमियोपैथी दवा की क्रिया में दखल देते हैं, जैसे-कपूर,अधिक नमक और लहसुन. जब आप कपूर लेते हैं, तो कपूर का उपयोग न करें. Natrium muriaticum दवा लेते हैं, तो ऊपर से अधिक नमक न लें. . Allium sativum दवा लेते समय लहसुन का उपयोग न करें. allium cepa लेते समय प्याज न खाएं. खाने पर परहेज रोग एवं दवा के चयन पर निर्भर करता है. ध्यान रखें कि होमियोपैथी दवा खाने के आधा घंटा पहले और आधा घंटा बाद सुगंधित चीजों को खाने से परहेज करें. यह एक प्रमाणिक तथ्य है कि होमियोपैथी दवा का असर, उन व्यक्तियों में ज्यादा अच्छा देखने को मिला है, जो व्यक्ति धूम्रपान, शराब, गुटखा आदि का सेवन नहीं करते हैं. होमियोपैथी दवा को लेने से पहले मुंह को साफ पानी से साफ कर लेना चाहिए और दवा को साफ जुबान पर ही लेना चाहिए.
चीनी की मात्र नगण्य
भ्रांति : क्या डायबिटिक व्यक्ति होमियोपैथी गोलियों का सेवन कर सकता है?
सच : जी हां, डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति भी इन गोलियों का सेवन कर सकता है, क्योंकि होमियोपैथी गोलियों में चीनी की मात्र न के बराबर होती है.
सेवन कर सकते हैं अंगरेजी दवा के साथ होमियोपैथी
भ्रांति : क्या होमियोपैथी दवाओं का सेवन अंगरेजी दवाओं के साथ किया जा सकता है?
सच: जी हां, होमियोपैथी दवाओं का सेवन कुछ अंगरेजी दवाओं के साथ भी किया जा सकता है जैसे- यदि कोई व्यक्ति जो डायबिटीज के रोगी हैं और इंसुलिन पर निर्भर हैं, तो हम उसका इंसुलिन नहीं बंद करवा सकते, परंतु यदि इस दौरान वह किसी एक्यूट और क्रोनिक डिजीज जैसे एक्जिमा, सराइसिस से ग्रसित होता है, तो हम बिना इंसुलिन बंद कराये होमियोपैथी दवा का प्रयोग कर सकते हैं. रोगी को लाभ मिलता है.
साभार: बिहार राज्य होमियोपैथी चिकित्सा बोर्ड, पटना
साभार: बिहार राज्य होमियोपैथी चिकित्सा बोर्ड, पटना
अच्छी जानकारी ... कई मिथ हैं इस पद्धति के बारे में जो आपने दूर किये ...
जवाब देंहटाएंहोमियोपैथी के बारे में काफी बेहतरीन मालूमात फराहम की है ,थैंक्स।
जवाब देंहटाएंउपयोगी जानकारी।
जवाब देंहटाएंबेहद उपयोगी जानकारी दी आपने राजेंद्र जी आभार।
जवाब देंहटाएंबेहद अच्छी जानकारी दी आपने , आभार..
जवाब देंहटाएंआज तो होमिओयोपैथी के बारे में पूरी जानकारी हो गयी,बहुत आभार.
जवाब देंहटाएंपूरी पोस्ट पढ़ने के बाद बहुत से भ्रम दूर हो गए,आभार.
जवाब देंहटाएंआपके पास तो जानकारियों का खजाना है भाई साहब,बहुत ही जानकारियों का ज्ञान मिला.
जवाब देंहटाएंइतनी उपयोगी जानकारी देने के लिए सादर आभार.
जवाब देंहटाएंबहुत ही उपयोगी जानकारी,बहुत से भ्रम दूर हुए.
जवाब देंहटाएंबेहतरीन जानकारी,होमियोपथी के बारे में सम्पूर्ण जानकारी.
जवाब देंहटाएंBEST INFORMATIN FOR HOMEOPATHY,THANKS.
जवाब देंहटाएंबेहतरीन, उपयोगी जानकारी
जवाब देंहटाएंहोमेओपैथी के भ्रम दूर करने के लिए बहुत कुछ,आपका आभार.
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा और उपयोगी जानकारी दी भाई आपके लेख ने | आभार
जवाब देंहटाएंअच्छी जानकारी दी आपने ...आभार .
जवाब देंहटाएंसार्थक जानकारी
जवाब देंहटाएंआपकी प्रत्येक पोस्ट एक से बढ़कर एक होती है
जानकारियों से भरपूर
सार्थक प्रस्तुति
अर्थपूर्ण,सार्थक अभिव्यक्ति.
जवाब देंहटाएंजानकारी पढ़कर बहुत सारी शंकाये दूर हुई आभार !
जवाब देंहटाएंउपयोगी जानकारी. कई भ्रांतियां हैं जो दूर हुई. धन्यवाद.
जवाब देंहटाएंभ्रांतियों को दूर करती, उपयोगी और ज्ञानवर्द्धक आलेख. सादर.....
जवाब देंहटाएंThanks for good information.
जवाब देंहटाएंbahut mahatvpurn jaankari .........
जवाब देंहटाएंbest jaankari di
जवाब देंहटाएंBest knowledge of the homeopathy.
जवाब देंहटाएंWife ko pesab she badbu aa rhi h kya kre kaun so dvaye khilaye
जवाब देंहटाएंWife ko pesab she badbu aa rhi h kya kre kaun so dvaye khilaye
जवाब देंहटाएंहोम्योपैथिक दवा किस व्यक्ति को असर नही करती?
जवाब देंहटाएंइसका उत्तर चाइये
बहुत अच्छी़ जानकारी । धन्यवाद । आपने हमारी कई भ्रांतियाँ दूर कर दीं ।
जवाब देंहटाएंनाक के बढ़ मांस की दवा बताएं
जवाब देंहटाएंKya bina docter ke paramarsh se dawa Lena sahi hoga r42 ka koi side effect to ni hoga n
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