आइये आज हम सब पोदीने के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करते हैं.पोदीना एक प्रकार की घास है, जिसके पत्ते गोल छोटे और खुशबूदार होते हैं, यह जमीन के ऊपर फैलता है।पोदीना का लेटिन नाम मेन्था स्पाइकेटा है। पुदीना बहुत ही स्वादिष्ट और रिफ्रेशिंग होता है। यह विटामिन ए से भरपूर होने के साथ-साथ बहुत ही गुणकारी भी है। यह स्वास्थ्य के लिए भी बेहद लाभकारी होता है। यह पेट के विकारों में काफी फायदेमंद होता है।पोदीना धातु के लिए हानिकारक होता है। पित्तकारक प्रकृति होने के कारण पित्त प्रवृति के लोगों को पोदीने का सेवन कम मात्रा में कभी-कभी ही करना चाहिए।पोदीना भारी, मधुर, रुचिकारी, मलमूत्ररोधक, कफ, खांसी, नशा को दूर करने वाला तथा भूख को बढ़ाने वाला है। पोदीने में कैलोरी ,प्रोटीन, पोटेशियम, थायमिन, कैल्शियम, नियोसीन, रिबोफ्लेविन, आयरन, विटामिन-ए,बी ,सी डी और इ, मेन्थाल, टैनिन आदि रासायनिक घटक पाए जाते हैं।इसे तो देखते ही ठंडक दिल में उतर जाती है.पोदीना है बड़े काम की चीज ,कई सारे रोग आप इससे दूर भी कर सकते हैं.
पोदीने की उपयोगिता:
१.पोदीने का रस कृमि (कीड़े) और वायु विकारों (रोगों) को नष्ट करने वाला होता है। पोदीने के ५ मिलीलीटर रस में नींबू का 5 मिलीलीटर रस और 7-8 ग्राम शहद मिलाकर सेवन करने से उदर (पेट) के रोग दूर हो जाते हैं।
२.२ चम्मच पुदीने का रस, 1 चम्मच नींबू का रस और २ चम्मच शहद को मिलाकर सेवन करने से पेट के रोग दूर होते हैं।
३.100 मिलीलीटर पुदीना का रस गर्म करके, ९ ग्राम शहद और लगभग ६ ग्राम नमक को मिलाकर पीने से उल्टी होकर पेट की बीमारी ठीक हो जाती है।
४.हरा धनिया, पोदीना, कालीमिर्च, अंगूर या अनार की चटनी बनाकर उसमें नींबू का रस मिलाकर खाने से अरुचि (भूख का न लगना) समाप्त होती है और पाचन क्रिया तेज होने से भूख भी अधिक लगती है।
५.५-५ ग्राम पोदीना, लोहबान और अजवायन का रस, ५ ग्राम कपूर और ५ ग्राम हींग को २५ ग्राम शहद में मिलाकर एक साफ शीशी में भरकर रख लें, फिर पान के पत्ते में चूना-कत्था लगाकर शीशी में से ४ बूंदे इस पत्ते में डालकर खाने से गले का दर्द दूर होता है।
६.शराब के अंदर पुदीने की पत्तियों को पीसकर चेहरे पर लगाने से चेहरे के दाग, धब्बे, झांई सब मिट जाते हैं और चेहरा चमक उठता है।
७.पुदीना के रस को शहद के साथ पन्द्रह दिनों तक सेवन करने से पीलिया में लाभ होगा। पोदीने की चटनी नित्य रोटी के साथ खाने से पीलिया में लाभ होता है।
८.५0 ग्राम पोदीने को पीसकर उसमें स्वाद के अनुसार सेंधानमक, हरा धनिया और कालीमिर्च को डालकर चटनी के रूप में सेवन करने से निम्न रक्तचाप में लाभ होता है।
९.हरे पोदीने को पीसकर कम से कम २0 मिनट तक चेहरे पर लगाने से चेहरे की गर्मी समाप्त हो जाती है।
१०.गठिया के रोगी को पोदीने का काढ़ा बनाकर पीने से पेशाब खुलकर आता है और गठिया रोग में आराम मिलता है।
११.२ चम्मच पुदीने की चटनी शक्कर में मिलाकर भोजन के साथ खाने से मूत्र रोग में लाभ होता है।
१२.पोदीने की पत्तियों को थोड़े-थोड़े समय के बाद चबाते रहने से मुंह की दुर्गंध दूर हो जाती है। पोदीने की १५-२०हरी पत्तियों को १ गिलास पानी में अच्छी तरह उबालकर उस पानी से गरारे करने से भी मुंह की दुर्गंध दूर हो जाती है।
१३.पोदीने के पत्तों को पीसकर किसी जहरीले कीड़े के द्वारा काटे हुए अंग (भाग) पर लगाएं और पत्तों का रस २-२ चम्मच की मात्रा में दिन में 3 बार रोगी को पिलाने से आराम मिलता है।
१४.पोदीने की पत्तियों को पीसकर गाढ़े लेप को सोने से पहले चेहरे पर अच्छी तरह से मल लें। सुबह चेहरा गर्म पानी से धो लें। इस लेप को रोजाना लगाने से चेहरे के दाग-धब्बे, झांइयां और फुंसियां दूर हो जाती हैं और चेहरे पर निखार आ जाता है।
१५.बेहोश व्यक्ति को पुदीना की खुशबू सुंघाने से बेहोशी दूर हो जाती है। पोदीने के पत्तों को मसलकर सुंघाने से बेहोशी दूर हो जाती है।
१६.पेट दर्द :
- २ चम्मच पोदीने के पत्तों का सूखा चूर्ण और 1 चम्मच मिश्री या चीनी मिलाकर सेवन करने से पेट के दर्द में आराम होता है।
- सूखा पोदीना और चीनी को बराबर मात्रा में मिलाकर २ चम्मच की फंकी लेने से पेट दर्द ठीक हो जाता है।
- ५-५ मिलीलीटर पोदीना का रस, अदरक का रस और 1 ग्राम सेंधानमक को मिलाकर सेवन करने से पेट का दर्द दूर हो जाता है।
- ५ मिलीलीटर पोदीने का रस और ५ मिलीलीटर अदरक के रस को मिलाकर, उसमें थोड़ा-सा सेंधानमक डालकर सेवन करने से उदर शूल (पेट में दर्द) समाप्त हो जाता है।
- पोदीना के ७ पत्ते और छोटी इलायची का 1 दाना पानी के पत्ते में लगाकर खाने से पेट में होने वाले दर्द में लाभ करता है।
- पोदीना के पत्तों का शर्बत पीने से पेट का दर्द समाप्त हो जाता है। 4 ग्राम पुदीने में आधा-आधा चम्मच सौंफ और अजवायन, थोड़ा-सा कालानमक और लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग हींग को मिलाकर बारीक मात्रा में पीसकर चूर्ण बना लें, इस बने चूर्ण को गर्म पानी के साथ सेवन करने से पेट में होने वाले दर्द में लाभ होता है।
- 3 ग्राम पोदीना, जीरा, हींग, कालीमिर्च और नमक आदि को पीसकर पानी में मिलाकर पीने से पेट के दर्द में आराम मिलता है।
- पोदीना, सौंफ, सोंठ और गुलकंद को अच्छी तरह पीसकर पानी में उबालकर दिन में 3 बार रोजाना खुराक के रूप में पीने से पेट के दर्द और कब्ज की शिकायत दूर होती है।
- 2 चम्मच सूखे पुदीने को काले नमक के साथ सेवन करने से पेट के दर्द में लाभ होता है।
- सूखा पोदीना और चीनी को बराबर मात्रा में पीसकर रख लें, फिर २ चम्मच को फंकी के रूप में गर्म पानी के साथ पीने से पेट के दर्द में लाभ होता है।
१८.पेट के गैस :
- ४ चम्मच पोदीने के रस में 1 नींबू का रस और २ चम्मच शहद मिलाकर पीने से गैस के रोग में आराम आता है।
- सुबह 1 गिलास पानी में २५ मिलीलीटर पोदीना का रस और 30 ग्राम शहद मिलाकर पीने से गैस समाप्त हो जाती है।
- ६० ग्राम पोदीना, 10 ग्राम अदरक और ८ ग्राम अजवायन को 1 गिलास पानी में डालकर उबाल लें। उबाल आने पर इसमें आधा कप दूध और स्वाद के अनुसार गुड़ मिलाकर पीएं। चौथाई कप पोदीने का रस आघा कप पानी में आधा नींबू निचोड़कर ७ बार उलट-उलट कर पीने से भी गैस से होने वाला पेट का दर्द तुरंत ठीक हो जाता है।
- पोदीने की ताजी पत्ती, छुहारा, कालीमिर्च, सेंधानमक, हींग, कालीद्राक्ष (मुनक्का) और जीरा इन सबकी चटनी बनाकर उसमें नींबू का रस निचोड़कर खाने से भोजन के प्रति रुचि उत्पन्न होती है, स्वाद आता है, गैस दूर होकर भोजन पचाने की क्रिया तेज होती है और मुंह का फीकापन दूर होता है।
- 20 मिलीलीटर पोदीने का रस, 10 ग्राम शहद और ५ मिलीलीटर नींबू के रस को मिलाकर खाने से पेट के वायु विकार (गैस) समाप्त हो जाते हैं।
- पुदीने की पत्तियों का २ चम्मच रस, आधा नींबू का रस मिलाकर पीने से लाभ होता है।
१९.पोदीने का रस रोगी को पिलाने से आंतों के कीड़े समाप्त हो जाते हैं।
२०.बिच्छू के काटने पर पोदीने का लेप करने और पानी में पीसकर रोगी को पिलाने से लाभ होता है।पोदीने का रस पीने से या उसके पत्ते खाने से बिच्छू के डंक मारने से होने वाला कष्ट दूर होता है।
२१.लू का लगना:
- लगभग २० पोदीने की पत्तियां, लगभग 3 ग्राम सफेद जीरा और २ लौंग मिलाकर इन सबको पीसकर जल में घोलकर, छानकर रोगी को पिलाने से लू से होने वाली बेचैनी खत्म हो जाती है।
- लगभग १५० मिलीलीटर पोदीने के रस को इतने ही ग्राम पानी के साथ पीने से लू से होने वाले खतरों से बचा जा सकता है।
- सूखा पोदीना, खस तथा बड़ी इलायची लगभग ५०-५०ग्राम की बराबर मात्रा में लेकर कूट लें और इसका चूर्ण बना लें, फिर इसे एक लीटर पानी में उबालकर काढ़ा बना लें। इस काढ़े को ठंडा करके लगभग १०० मिलीलीटर की मात्रा में पीने से लू ठीक हो जाती है।
२२.घबराहट व बैचेनी में पोदीने का रस लाभदायक होता है।
२३.पुदीने के रस में नींबू का रस मिलाकर, पानी में डालकर पिलाने से यकृत वृद्धि मिट जाती है।
२४.जंगली पुदीना और हंसराज दोनों को थोड़ी-थोड़ी मात्रा में लेकर काढ़ा बनाकर इसमें थोड़ी सी मिश्री मिलाकर सेवन करने से प्रजनन में दर्द नहीं होता है।
२५.कफ (बलगम) होने पर चौथाई कप पोदीने का रस इतने ही गर्म पानी में मिलाकर रोज 3 बार पीने से कफ में लाभ होता है।
२६.1 कप पानी में पुदीने की चटनी बनाकर, थोड़ी-सी चीनी डालकर अच्छी तरह मिलाकर सेवन करने से अम्लपित्त के कारण पेट में होने वाली जलन को शांत होती है।
२७.3 ग्राम पोदीने के रस में हींग, जीरा, कालीमिर्च और थोड़ा सा नमक डालकर गर्म करके पीने से पेट के दर्द और अरुचि (भोजन की इच्छा न होना) रोग ठीक हो जाते हैं।
२८.पोदीने की पत्तियों और कालीमिर्च को मिलाकर गर्म-गर्म चाय रोगी को पिलाने से सर्दी-खांसी, जुकाम, दमा और बुखार में आराम मिलता है।
२९.आधा कप पोदीने का रस दिन में २ बार नियमित रूप से कुछ दिनों तक पिलाते रहने से पेट के कीड़े समाप्त हो जाते हैं।
३०.४-६ मुनक्का के साथ १० पोदीने की पत्तियां सुबह-शाम खाने के बाद नियमित रूप से चबाते रहने से बदहजमी में आराम मिलेगा।
३१.चौथाई कप पोदीना का रस इतने ही पानी में मिलाकर रोजाना 3 बार पीने से खांसी, जुकाम, कफ-दमा व मंदाग्नि में लाभ होता है।
३२.जुकाम:
- पोदीना, कालीमिर्च के पांच दाने और नमक इच्छानुसार डालकर चाय की भांति उबालकर रोजाना तीन बार पीने से जुकाम, खांसी और मामूली ज्वर में लाभ मिलता है।
- पोदीने के रस की बूंदों को नाक में डालने से पीनस (जुकाम) के रोग में लाभ होता है।
- पोदीने की चाय बनाकर उसके अंदर थोड़ा-सा नमक डालकर पीने से खांसी और जुकाम में लाभ मिलता है।
- पोदीने के रस की 1-2 बूंदे नाक में डालने से पीनस (जुकाम) रोग नष्ट हो जाता है।
३३.चोट लग जाने से रक्त जमा हो जाने (गुठली-सी बन जाने पर) पुदीना का अर्क (रस) पीने से गुठली पिघल जाती है।पोदीने का रस पिलाने से जमा हुआ खून टूटकर बिखर जाता है।सूखा पोदीना पीसकर फंकी लेने से खून का जमाव बिखर जाता है।
३४.२० हरे पुदीना की पत्तियां, ५ ग्राम जीरा और थोड़ी-सी हींग, कालीमिर्च के 10 दाने, चुटकीभर नमक को मिलाकर चटनी बनाकर 1 गिलास पानी में उबालें जब पानी आधा गिलास शेष रह जाए, तो छानकर पीने से अपच में लाभ होता है।
३५.पुदीने के पत्तों को पीसकर पोटली बनाकर जख्म पर बांधने से घाव के कीड़े मर जाते हैं।
३६.पुदीना के पत्तों का अधिक मात्रा में बार-बार सेवन करने से माहवारी शुरू हो जाती है। इसे चाहे जिस रूप में सेवन किया जाए या इसके पत्तों को पीस-घोलकर या मिश्री मिलाकर शर्बत के रूप में सेवन करना चाहिए।
३७.पुदीने की चटनी कुछ दिनों तक लगातार खाने से मासिक-धर्म नियमित हो जाता है।
३८.कान के अंदर अगर बहुत ही बारीक कीड़ा चला जाये तो कान में पुदीने का रस डालने से कान का कीड़ा समाप्त हो जाता है।कान में दर्द हो तो पोदीना का रस डालें या हरी मकोय का रस कान में डालना चाहिए।
३९.पुदीना का रस लगभग ३० मिलीलीटर प्रत्येक ६ घंटे पर गर्भवती स्त्री को सेवन कराने से जी का मिचलाना बंद हो जाता है।
४०.पुदीना को पानी से पीसकर घोल बनाकर दिन में 3 से ४ बार कुल्ला करने से मुंह से दुर्गंध व अन्य रोग भी ठीक होते हैं।
४१.हिचकी:
- पोदीने के पत्तों को चूसने और पत्तों को नारियल (खोपरे) के साथ चबाकर खाने से हिचकी दूर होती है।
- पोदीने के पत्ते या नींबू को चूसने या पोदीने के पत्तों को शक्कर (चीनी) में मिलाकर चबाने से हिचकी का आना बंद हो जाता है।
- पुदीना के सूखे और हरे पत्ते को शक्कर के साथ चबाने से हिचकी नहीं आती है।
- २ मिलीलीटर हरे पुदीने के रस में २ ग्राम चीनी मिलाकर चबाने से हिचकी मिट जाती है।
- पुदीने के पत्ते को मिश्री के साथ खाने से हिचकी मिट जाती है।
- पुदीना के रस को हिचकी में पीने से लाभ होता है।
- हिचकी बंद न हो तो पुदीने के पत्ते या नींबू चूसें। पुदीने के पत्तों पर शक्कर डालकर हर दो घंटे में चबाने से हिचकी में फायदा होता है।
- 1-1 गोली पुदीना खाना-खाने के बाद सुबह-शाम पानी के साथ सेवन करने से हिचकी में लाभ होता है।
- 1 चम्मच पुदीने का रस, 1 चम्मच नींबू का रस और 1 चम्मच शक्कर आदि तीनों को एक साथ मिलाकर पीने से हिचकी नहीं आती है।
४२.पोदीना १० या २० ग्राम को २०० मिलीलीटर पानी में उबालकर छानकर पिलाने से बार-बार उछलने वाली पित्ती ठीक हो जाती है।
४३.सिर पर हरे पोदीने का रस निकालकर लगाने से सिर दर्द दूर हो जाता है।
४४.हैजा:
- पोदीने का रस पीने से हैजा, खांसी, वमन (उल्टी) और अतिसार (दस्त) के रोग में लाभ होता है। इससे पेट में से गैस और कीड़े भी समाप्त हो जाते हैं।
- हैजा होने पर पोदीना, प्याज और नींबू का रस मिलाकर रोगी को देने से लाभ मिलता है।
- किसी व्यक्ति को हैजा होने पर उस व्यक्ति को प्याज का रस पिलाने से हैजे के रोग में आराम आता है।
- २५ पुदीने की पत्तियां, ५ कालीमिर्च, काला-नमक २ चुटकी, २ भुनी हुई इलायची, 1 चोई इमली पकी। इन सब चीजों में पानी डालकर चटनी बना लें। इस चटनी को बार बार रोगी को चाटने के लिए दें।
- पोदीना की ३० पत्तियां, कालीमिर्च के दाने 3 नग, कालानमक 1 ग्राम, भुनी हुई २ छोटी इलायची, कच्ची अथवा पकी इमली 1 ग्राम इन सबको पानी के साथ पीसकर चटनी-सी बना लें। यह चटनी हैजे के रोगी को चटाने से पेट दर्द, उल्टी, दस्त तथा प्यास आदि विकार दूर हो जाते हैं।
- 10-10 मिलीलीटर पोदीने, प्याज और नींबू का रस मिलाकर थोड़ी-थोड़ी मात्रा में रोगी को पिलाने से हैजे के रोग में बहुत लाभ होता है। इससे वमन (उल्टी) भी जल्दी बंद हो जाती है।
४५.पोदीना, तुलसी, कालीमिर्च और अदरक का काढ़ा पीने से वायु रोग (वात रोग) दूर होता है और भूख भी बहुत लगती है।
४६.पुदीने को पीसकर प्राप्त रस को 1 चम्मच की मात्रा में लेकर 1 कप पानी में डालकर पीने से दस्त कम हो जाते हैं.
४७.हरा पोदीना, सूखा धनिया और मिश्री बराबर मात्रा में लेकर चबायें और लार को नीचे टपकायें। इससे मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं।
४८.पोदीने को सुखाकर बारीक पीसकर चूर्ण बनाकर रख लें, फिर इसे स्त्री को संभोग (सहवास) करने से पहले लगभग 10 ग्राम की मात्रा में पानी के साथ पिलाने से स्त्री का गर्भ नहीं ठहरता हैं। ध्यान रहे कि जब गर्भाधान अपेक्षित हो तो इस चूर्ण का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
४९.वमन (उल्टी):
- ४ पोदीने के पत्ते और २ आम के पत्तों को लेकर 1 कप पानी में डालकर उबालने के लिए रख दें। जब उबलता हुआ पानी आधा बाकी रह जाए तो उस पानी में मिश्री डालकर काढ़े की तरह पीने से उल्टी ठीक हो जाती है।
- ६ मिलीलीटर पोदीने का रस और लगभग लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग सेंधानमक मिलाकर पीस लें इसे ताजे पानी में मिलाकर थोड़ा-थोड़ा पीने से उल्टी आना बंद हो जाती है।
- अगर पेट के खराब होने की वजह से छाती भारी-भारी लग रही हो और बेचैनी के कारण उल्टी हो रही हो तो 1 चम्मच पुदीने के रस को पानी के साथ पिलाने से लाभ होता है।
- २-२ ग्राम पोदीना, छोटी पीपल और छोटी इलायची को एक साथ मिलाकर खाने से उल्टी होना बंद हो जाती है।
- 10 बूंद पुदीने के रस को पानी में मिलाकर उसमें शक्कर डालकर पीने से उल्टी आना बंद हो जाती है।
- पुदीना के पत्तों का शर्बत दिन में कई बार पीने से उल्टी और जी मिचलाना (उबकाई) आदि रोग दूर होते हैं।
- पोदीने का रस और नींबू के रस को बराबर मात्रा में दिन में 1 चम्मच की मात्रा में ३-४ बार रोगी को पिलाने से उल्टी आना बंद हो जाती है।
- पोदीना को नींबू के साथ देने से उल्टी आना बंद हो जाती है। आधा कप पोदीना का रस २-२ घण्टे के अंतराल में पिलाते रहने से लाभ उल्टी, दस्त और हैजा में मिलता है।
५०.पोदीना और इमली को पीसकर उसमें सेंधानमक या शहद मिलाकर खाने से खट्टी डकारे और उल्टी आना शांत हो जाती है।
५१.अफारा (गैस का बनना):
- पोदीना के ५ मिलीलीटर रस में थोड़ा-सा सेंधानमक मिलाकर सेवन कराने से आध्यमान (अफारा) ठीक हो जाता है।
- पोदीने का रस ५० मिलीलीटर, मिश्री ५ ग्राम और २ ग्राम यवक्षार मिलाकर खाने से आध्यमान (अफारा, गैस) दूर हो जाता है।
- पोदीने के पत्तों का शर्बत बनाकर पीने से अफारा में लाभ होता है।
५२.पोदीना का ताजा रस शहद के साथ सेवन करने से आंतों की खराबी और पेट के रोग मिटते हैं। आंतों की बीमारी से पीड़ित रोगियों के लिए पोदीने के ताजे रस का सेवन करना बहुत ही लाभकारी है।
५३.पोदीना और अदरक का रस या काढ़ा पीने से शीतज्वर मिट जाता है। इससे पसीना निकल आता है और हर प्रकार का ज्वर मिट जाता हैं। गैस और जुकाम के रोग में भी यह काढ़ा बहुत लाभ पहुंचाता है।
५४.पोदीना, राम तुलसी (छोटे और हरे पत्तों वाली तुलसी) और श्याम तुलसी (काले पत्तों वाली तुलसी) का रस निकालकर उसमें थोड़ा-सा शक्कर (चीनी) मिलाकर सेवन करने से टायफाइड (मोतीझारा) के रोग में लाभ होता है।
५५.पोदीना का ताजा रस शहद के साथ मिलाकर हर 1 घंटे के बाद देने से न्युमोनिया (त्रिदोषज्वर-वात, पित्त और कफ) से होने वाले अनेक विकारों (बीमारियों) की रोकथाम करता है और बुखार को समाप्त करता है।
५६.पोदीने के रस को मुल्तानी मिट्टी में मिलाकर चेहरे पर लेप करने से चेहरे की झांइयां समाप्त हो जाती हैं और चेहरे की चमक बढ जाती है।
५७.दाद:शरीर के किसी भाग में दाद होने पर उस भाग पर पोदीने के रस को 1 दिन में २-३बार दाद पर लगाने से लाभ मिलता है।
५८.बुखार:
- पुदीना और तुलसी का काढ़ा बनाकर रोजाना पीने से आने वाला बुखार रुक जाता है।
- पोदीने और अदरक को पानी में उबालकर काढ़ा बना लें, फिर इसे छानकर दिन में २ बार पीने से बुखार ठीक हो जाता है। प्रतिश्याय (जुकाम) में भी इससे बहुत लाभ होता है।
- पुदीना के पत्तों और मिश्री को मिलाकर शर्बत बनाकर बार-बार पीने से कफ के साथ-साथ बुखार में आराम मिलता है।
५९.चेहरे की त्वचा अधिक तैलीय होने पर रोजाना पोदीने का रस रूई के साथ चेहरे पर लगाने से त्वचा का तैलीयपन कम होता है और चेहरे का सौंदर्य भी बढ़ता है।
६०.पुदीने में विटामिन-ई पाया जाता है, जो शरीर की शिथिलता (कमजोरी) और वृद्धावस्था (बुढ़ापे) को आने से रोकता है। इसके सेवन करने से नसे भी मजबूत होती हैं।
६१.पुदीना चबाकर खाने से दांतों के बीच छिपे भोजन के कण दूर होते हैं और मुंह की सफाई भी हो जाती है।
sundar aur upyogi jankari ke lye aabhar
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जवाब देंहटाएंवाह . बहुत उम्दा
सामान्य तौर पर रसोई में मौजूद रहने वाले पुदीना में इतने गुण मौजूद हैं और हम लोग जानते भी नही? यह तो अत्यंत उपयोगी पोस्ट है, बहुत आभार.
जवाब देंहटाएंरामराम.
उपयोगी और लाभदायक जानकारी !!
जवाब देंहटाएंbahut umda jankari
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंbahut upyogi....aapka hardik aabhar..........
जवाब देंहटाएंAmarpal singh verma
www.hanumangarhlive.com
http://currentnewsnetwork.blogspot.in/
बहुत बढ़िया और उपयोगी जानकारी भाई साहब |
जवाब देंहटाएंकभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
Tamasha-E-Zindagi
Tamashaezindagi FB Page
अत्यंत उपयोगी पोस्ट बहुत आभार राजेंद्र जी।
जवाब देंहटाएंबहुत उपयोगी जानकारी....आभार
जवाब देंहटाएंबड़ी मेहनत करते हैं आप ...
जवाब देंहटाएंदादी भी कहती थीं कि पुदीना बड़े काम की चीज़ !
आभार !
हमेशा की तरह बहुत अच्छी और लाभदायक जानकारी , आभार
जवाब देंहटाएंबहुत विस्तृत और महत्वपूर्ण जानकारी, आभार.
जवाब देंहटाएंbahut upyogi jankari
जवाब देंहटाएंपुदीना गुणकारी है यह तो पता था लेकिन आपने तो इसके लाभ की इतनी लंबी लिस्ट बना दी यह बहुत आश्चर्यजनक है.
जवाब देंहटाएंउपयोगी और लाभकारी जानकारी के लिये आभार.
bahut achhi jaankari di hai is pravishthi mein, dhanyawad.
जवाब देंहटाएंshubhkamnayen
mai abhar prakat karta hun .aise lekh rachnaye hamare bich pahuchane k liye.
जवाब देंहटाएंsabake liye upayogi.
जवाब देंहटाएंpaudine ke chai atyadhik matra me lene ke karan mere haddiyeo me dard rehne laga hai. kya wastav me paudina haddiyo aur verya (dhato) ko hani pahuchata hai?
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंउपयोगी और लाभकारी जानकारी के लिये आभार.
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