औगुन कहूं सराब का, ज्ञानवंत सुनि लेय
मानुष सों पसुवा करै, द्रव्य गांठि का देय
शराब का उपभोग मजे तथा जीवन का आनंद लेने के साथ जुड़ा हुआ है. लेकिन अत्यधिक मात्रा में गैरजिम्मेवार तरीके से इसका सेवन जीवन को ही दूर कर देता है.शराब की बुरी लत को ‘अल्कोहलिस्म’ कहते हैं. जब कोई इनसान शराब का आदी हो जाये और वह उसके बगैर अपने को कमजोर समझने लगे. किसी भी कीमत पर उसे छोड़ने को तैयार न हो, उसकी कमी उसे हमेशा महसूस होती रहे. उसके लिए वह कुछ भी करने को तैयार रहे. ऐसी स्थिति में शराब का सेवन उसके परिवार व स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह होता है.
शराब जो पहले शौक बनती है. फिर आदत और बाद में जरूरत बन कर इनसान को शारीरिक, मानसिक, पारिवारिक, सामाजिक एवं वित्तीय रूप से काफी नुकसान पहुंचाती है. ऐसा हम हमेशा टीवी चैनलों या अखबारों के माध्यम से देखते और पढ़ते हैं कि इनसान ज्यादातर गलत काम शरीब पीकर ही करता है. यहां तक कि बलात्कार जैसी गंदी वारदात भी शराब को पीकर ही करता है. वरना कोई चार/पांच साल तक की बच्चियों का बलात्कार कभी होश में नहीं कर सकता है, शराब ही उसके मानसिक संतुलन को बिगाड़ देती है.
जब ऐसी गंदी लत किसी को लग ही जाती है, तब उसे इस दलदल से निकालने का हम चिकित्सकों का कर्त्तव्य हो जाता है कि वह इंसान शारीरिक, मानसिक, पारिवारिक एवं सामाजिक स्तर पुन: मान-सम्मान पा सके. ऐसी लत को छुड़ाने में होमियोपैथिक दवाइयां काफी कारगर होती है. वशर्ते वह इन्सान दवाओं को दिल से स्वीकार करें.
शराब की इस बुरी लत को ‘अल्कोहलिस्म’ कहते हैं. जब कोई इनसान शराब का इतना आदी हो जाये कि वह उसके बगैर अपने को कमजोर समझने लगे और किसी भी कीमत पर उसे छोड़ने को तैयार न हो, उसकी कमी उसे हमेशा महसूस होती रहे, उसके लिए वह कुछ भी करने को तैयार रहे.
अल्कोहलिस्म यानी शराब की लत का शरीर के विभिन्न अंगों पर क्या असर होता है, पहले यह जान लें.
पाचन तंत्र: सुबह उठते ही उल्टी जैसा लगना, भूख में कमी,अनपच जैसा पतला शौच करना, कभी-कभी मुंह से उल्टी के साथ रक्त जैसा आना, आंत नली का कैंसर तक हो जाना.
यकृत (लीवर): यकृत की कोशिकाओं में चर्बी जमा हो जाना (फैटी लीवर), सिरोसिस लीवर, पेन्क्रियाज में सूजन.
दिमागी तंत्र: यादाश्त में कमी, सोचने, समझने की क्षमता कम हो जाती है.
मांसपेशियां: छाती एवं कमर की मांसपेशियां सूखने लगती है.
अस्थि तंत्र: हड्डियां कमजोर हो जाती है. कैल्शियम, मैग्निशियम, फास्फोरस एवं विटामिन डी की कमी से, हड्डी टूटने पर जुड़ना मुश्किल हो जाता है, हड्डी की मज्जा कमजोर होकर, लाल रक्त कण, श्वेत रक्त कण एवं प्लेटलेट का बनना कम कर देता है.हारमोनल तंत्र: चीनी की बीमारी हो जाती है, इंसुलीन की कमी से.
हृदय तंत्र: उच्च रक्त दबाव हो जाता है. (हाइ ब्लड प्रेशर)
श्वास नली तंत्र : दमा की शिकायत हो जाती है, क्योंकि प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है.
त्वचा: बैक्टीरिया, फ फूंदी जल्द असर करते हैं और जल्दी समाप्त नहीं होते हैं, क्योंकि प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है. सोरियेसिस जैसा चर्म रोग भी हो सकता है, किडनी की खराबी भी होती है.
मर्दो में नपुंसकता एवं टेस्टीस (अंडकोष) सूख जाते हैं. स्त्रियों में ओवरी एवं बच्चेदानी में खराबी, बच्चा न होना, बार-बार गर्भ गिरना (हेबिचुअल अबोरशन) इत्यादि बीमारी हो जाती है. कारगर है होमियोपैथिक दवाइयां
स्टरकुलिया एकुमिनाटा: शरीर में अत्यधिक कमजोरी लगे जैसा हृदय की गति कम हो गयी हो, यह दवा भूख बढ़ाती है और खाना पचाने में सहायक होती है. मुंह का स्वाद ऐसा कर देती है कि शराब की महक से नफरत होने लगती है और उसकी इच्छा को कम कर देती है. 5-10 बूंद अर्क में सुबह-रात आधे कप पानी के साथ लें.
अवेना साटाइवा: मानसिक एवं यौन संबंधी कमजोरी लगे. शराब के बिना एक पल भी रहना मुश्किल लगे. नींद बिल्कुल गायब हो जाये, तब 10 से 20 बूंद मूल अर्क में थोड़ा सुसुम पानी के साथ सुबह-रात लें.
क्यूरीकस ग्लैडियम स्प्रिटस: शराब से पैदा हुए डर बुरे असर को यह दवा काटती है.शराब के प्रति नफरत पैदा करती है, क्योंकि यह दवा लेने के बाद जब भी कोई शराब लेता है, तब उसे उल्टी के जैसा लगता है या उल्टी हो सकती है, इसलिए डर से शराब छोड़ने लगता है. यह दवा 10 बूंद मूल अर्क लेकर एक चम्मच पानी के साथ दिन से चार बार दिन भर लें.
नक्स वोमिका: वैसे स्वभाव के लोग शराब अधिक लेते हों, पतले, चिड़चिड़े हो, जरा सा भी शोर रोशनी और खुशबू बर्दाश्त न होती हो. सुबह उठते ही या खाना खाने के बाद उल्टी के जैसा लगता हो, भूख में बहुत कमी रहती हो और हमेशा शराब की जरूरत महसूस होती है. तब 200 शक्ति की दवा रोज रात में ले. काफी लाभ पहुंचेगा और शराब के द्वारा पैदा सभी खराबियों को सही कर देगा.
कैप्सीकम: वैसे शराब की लतवाले रोगी, जो मोटे शरीर के हों, शारीरिक काम बिल्कुल न करना चाहे और अकेले घर ही में रहना पसंद करते हों (होम सिकनेस) यहां तक की नहाना न चाहें, गंदा रहने की आदत रहे. दोनों हाथों को सीधा रखने पर कंपन रहे (डेलेरियम ट्रेमर). तब 200 शक्ति की दवा रोज सुबह-रात लें.
नोट: दवा का सेवन कम से कम तीन महीने तक करें
बिशेष :एक संगठन ऐसा है जो हमारे चाहने पर हमारी मदद कर सकता है और वो है -एल्कोहलिक एनोनिमस. एल्कोहलिक एनोनिमस एक विश्वव्यापी संगठन है, जिसने पूरी दुनिया में तीस करोड़ से अधिक लोगों की मदद की है. भारत में भी इसके कई केंद्र हैं जो देश भर में फैले हुए हैं. उनसे संपर्क का विवरण निम्न प्रकार है. दूरभाष से संपर्क करने के लिए +919022771011 पर कॉल कर सकते हैं या AAAAआपका नाम, पता तथा दूरभाष संख्या लिखकर 56363 पर एसएमएस कर सकते हैं.
अल्कोहलिस्म पर बहुत लाभप्रद जानकारी! आभार .
जवाब देंहटाएंबेहद लाभदायक जानकारी ....बहुत शुक्रिया जी
जवाब देंहटाएंबहुत उपयोगी जानकारी, शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंरामराम.
भगवन बचायें अल्कोहलिस्म से,बहुत ही उपयोगी जानकारी दिए.
जवाब देंहटाएंबेहद लाभदायक जानकारी,शराब छोड़ने के लिए दृढ संकल्प भी मन में होना चाहिए.
जवाब देंहटाएंBahut hi labhprd aur upyogi jankari.
जवाब देंहटाएंशराब का सेवन तो निंदनीय है तन मन और धन तीनों की बर्बादी होती है,बहुत ही उपयोगी आलेख.
जवाब देंहटाएंनमस्कार !
जवाब देंहटाएंआपकी यह रचना कल बुधवार (29-05-2013) को ब्लॉग प्रसारण: अंक 10 पर लिंक की गई है कृपया पधारें.
उपर वाले का शुक्र है की मैंने यह लत नही लगाया,बहुत ही उपयोगी पोस्ट.
जवाब देंहटाएंबेहद लाभदायक जानकारी,सच में होमियोपैथी कारगर होती ही.
जवाब देंहटाएंलाभकारी जानकारी !!
जवाब देंहटाएंआदरणीय राजेंद्र कुमार ने अल्कोहल के दुष्परिणाम के साथ ही होम्योपैथी के उपचार भी अत्यंत ही सरल शब्दों में समझाये हैं, ऐसी पोस्ट जनहित में बहुत ही उपयोगी होती है.बधाई......
जवाब देंहटाएंतन्मय मय में हो गये, तन-मन दोनों स्वाह
दारू - भट्ठी खा गई , सौतन - सी तनख्वाह
ना पी भाई ! छोड़ दे , कर घर की परवाह
लाखों ने कम उम्र में , नापी जीवन-राह
हल्के - हल्के पी गया , अल्कोहल – हैवान
हल कोई अब ढूँढिये, मिलजुल कर श्रीमान
घर-मंदिर को भूल कर,मदिरालय से प्रीत
सजनी को सदमा लगा, बच्चे हैं भयभीत
पीने से घटता नहीं , बढ़ता है संताप
कहा बुजुर्गों ने सदा, मदिरा पीना पाप
उपयोगी जानकारी........
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी जानकारी ......
जवाब देंहटाएंSir ye to bataiye ki kitni power ki dawa chaihiye ham lens gaye the to yahi usne pucha hame pata nahi tha to doc ne kaha ye work nahi karegi
जवाब देंहटाएंबहुत सही जानकारी
जवाब देंहटाएंबहुत सही जानकारी
जवाब देंहटाएंBahut sahi hai or hona chahiye
जवाब देंहटाएंHerbal De addiction capsule can help a addict to quit any bad habits be it alcohalism, smoking, tobacco, drugs.visit http://www.drug-treatment.in/
जवाब देंहटाएंApart from homeopathy consider also taking herbal treatment in the form of pill. It is easy to be taken. It is also safe and effective.
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंTry out herbal treatment for alcohol addiction that is very safe and effective. It provides long term relief.
जवाब देंहटाएंVery useful post. Consider taking herbal supplement for alcohol addiction for quitting any type of addiction.
जवाब देंहटाएंForget the alcohol and live a life free from any type of addiction. Give natural supplement antobacus capsule a try.
जवाब देंहटाएंVery useful post. You can use natural supplement for alcohol addiction in a very safe and natural way.
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