१.पनीर युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करें.
२. यदि आपको मांसाहारी खाने का शौक है तो ३.उबले हुए अंडे, मछली के तेल खाने में लें।
४.पौष्टिक दालें लेना अच्छा रहेगा.
५. फल युक्त सब्जियां नियमित तौर पर लें।
६. चावल और मोटे अनाज से बना खाना जरूर खाएं
७. हरे पत्तेदार सब्जियां का सेवन सही विकल्प होगा।
जितने पोषण की आवश्यकता प्रसव के दौरान होती है उतनी ही प्रसव के बाद भी होती है। । ऐसे में विटामिन, कैलारी, प्रोटीन युक्त भोज्य पदार्थ खाना अच्छा रहता है। सही खान-पान और नियमित व्यायाम से ही महिला को दुबारा शक्ति हासिल हो सकती है। आइए जानते हैं कि प्रसव के बाद महिलाओं के खान-पान में क्या अंतर होना चाहिए। पहला, गर्भावस्था के बाद महिलाओं के शरीर को अधिक पोषण की जरुरत होती है क्योंकि इसके बाद उनकी दिनचर्या में काफी बदलाव आ जाती है। उन्हें सारा दिन बच्चे के साथ लगा रहना पड़ता है इसलिए उन्हें काफी उर्जा की जरूरत होती है। इस ऊर्जा को पूरा करने के लिए उन्हें साबुत अनाज, दूध , सब्जियों और फलों की सख्त आवश्यक्ता होती है। शुरुआती तौर पर उन्हें ताकत के लिए सूखे मेवे का मिल्क शेक पीना चाहिए। दूसरा, सुबह के वक्त नाश्तें में हल्का खाना लिया जा सकता है। जिसमें इडली, डोसा या फिर ब्रेड सैंडविच खाया जा सकता है। इसके साथ ही ऐसे फल जिनमें एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हों उन्हें भी ग्रहण किया जा सकता है। तीसरा, आप चाहें तो नाश्ते और खाने के बीच में एक कप चाय ले सकती हैं। अगर आप ग्रीन टी लें तो आपके लिए ज्यादा अच्छा होगा। इसी दौरान आप सिंपल स्ट्रेचिंग और हल्का व्याययाम करना अच्छा रहेगा। चौथा, गरम पानी से नहाने के बाद गरम रसम और चावल या फिर मठ्ठा और चावल को एक साथ मिला कर खाएं। इससे ताकत बनी रहती है। खाना खाने के बाद स्वाद बदलने के लिए एक मीठा पान खा सकती हैं। इसको खाने से आपको खनिज प्राप्ती होने के साथ साथ अच्छी् नींद भी आएगी। पांचवां, शाम के समय रोज टहलने जाएं और वापस आने के बाद नारियल पानी, गाजर का जूस, तरबूज का जूस अवश्ये पीएं जिससे कि शरीर में पानी की पूर्ती होती रहे। छठा, रात में थोडा हल्का भोजन करें, इस दौरान आप सूप, हरी पत्ते दार सब्जियां, दही इत्यादि को अपने भोजन में शामिल कर सकती हैं। गर्भावस्था के बाद गेहूं, अनाज, दाल का पानी, दालें इत्यादि खाना बहुत अच्छा रहता है व बच्चे को भी इससे पोषण मिलता है । इसके साथ ही पानी का भी अधिक सेवन करें। सातवां, रात को भोजन के बाद मलाई रहित दूध अवश्य लें। खान-पान के बाद बारी आती है अच्छी नींद की वैसे तो नए मेहमान के आने से महिलाओं के सोने का रूटीन बिल्कुल बदल जाता है लेकिन जितनी देर सोएं अच्छे से सोएं बिना कोई तनाव सिर पर लिए।प हले के जमाने में महिलाएं जब गर्भ धारण करती थीं उनके खानपान का ध्यान बड़े बुजुर्ग रखते थे। लेकिन जब परिवार का आकार न्यूक्लियर होने लगा और लोगों की जिंदगी व्यस्त हो गईं महिलाएं नौकरी के लिए बाहर आईं तब गर्भावस्था के दौरान और उसके बाद बड़े बुजुर्गों की मदद नहीं मिल पाती। ऐसे में महिलाओं को खुद ही अपनी सेहत का ध्यान रखना पड़ता है। वहीं सेहत का ध्यान खान-पान के बगैर अधूरा है। गर्भावस्था महिला के लिए एक ऐसी अवस्था होती है, जब उसे अपने स्वास्थ्य के साथ-साथ होने वाले बच्चे के स्वास्थ्य की भी चिंता करनी होती है। ऐसे में उसके लिए यह जरूरी हो जाता है कि वह ऐसा पौष्टिक आहार ले जो उसे ताकत दे ही उसके बच्चे के लिए भी लाभदायक हो । ऐसे कई व्यंजनों पर महिलाएं ध्यान दे सकती है ।जो गर्भावस्था में महिलाओं और उनके बच्चे दोनों के लिए लाभ दायक होंगी।
२. यदि आपको मांसाहारी खाने का शौक है तो ३.उबले हुए अंडे, मछली के तेल खाने में लें।
४.पौष्टिक दालें लेना अच्छा रहेगा.
५. फल युक्त सब्जियां नियमित तौर पर लें।
६. चावल और मोटे अनाज से बना खाना जरूर खाएं
७. हरे पत्तेदार सब्जियां का सेवन सही विकल्प होगा।
जितने पोषण की आवश्यकता प्रसव के दौरान होती है उतनी ही प्रसव के बाद भी होती है। । ऐसे में विटामिन, कैलारी, प्रोटीन युक्त भोज्य पदार्थ खाना अच्छा रहता है। सही खान-पान और नियमित व्यायाम से ही महिला को दुबारा शक्ति हासिल हो सकती है। आइए जानते हैं कि प्रसव के बाद महिलाओं के खान-पान में क्या अंतर होना चाहिए। पहला, गर्भावस्था के बाद महिलाओं के शरीर को अधिक पोषण की जरुरत होती है क्योंकि इसके बाद उनकी दिनचर्या में काफी बदलाव आ जाती है। उन्हें सारा दिन बच्चे के साथ लगा रहना पड़ता है इसलिए उन्हें काफी उर्जा की जरूरत होती है। इस ऊर्जा को पूरा करने के लिए उन्हें साबुत अनाज, दूध , सब्जियों और फलों की सख्त आवश्यक्ता होती है। शुरुआती तौर पर उन्हें ताकत के लिए सूखे मेवे का मिल्क शेक पीना चाहिए। दूसरा, सुबह के वक्त नाश्तें में हल्का खाना लिया जा सकता है। जिसमें इडली, डोसा या फिर ब्रेड सैंडविच खाया जा सकता है। इसके साथ ही ऐसे फल जिनमें एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हों उन्हें भी ग्रहण किया जा सकता है। तीसरा, आप चाहें तो नाश्ते और खाने के बीच में एक कप चाय ले सकती हैं। अगर आप ग्रीन टी लें तो आपके लिए ज्यादा अच्छा होगा। इसी दौरान आप सिंपल स्ट्रेचिंग और हल्का व्याययाम करना अच्छा रहेगा। चौथा, गरम पानी से नहाने के बाद गरम रसम और चावल या फिर मठ्ठा और चावल को एक साथ मिला कर खाएं। इससे ताकत बनी रहती है। खाना खाने के बाद स्वाद बदलने के लिए एक मीठा पान खा सकती हैं। इसको खाने से आपको खनिज प्राप्ती होने के साथ साथ अच्छी् नींद भी आएगी। पांचवां, शाम के समय रोज टहलने जाएं और वापस आने के बाद नारियल पानी, गाजर का जूस, तरबूज का जूस अवश्ये पीएं जिससे कि शरीर में पानी की पूर्ती होती रहे। छठा, रात में थोडा हल्का भोजन करें, इस दौरान आप सूप, हरी पत्ते दार सब्जियां, दही इत्यादि को अपने भोजन में शामिल कर सकती हैं। गर्भावस्था के बाद गेहूं, अनाज, दाल का पानी, दालें इत्यादि खाना बहुत अच्छा रहता है व बच्चे को भी इससे पोषण मिलता है । इसके साथ ही पानी का भी अधिक सेवन करें। सातवां, रात को भोजन के बाद मलाई रहित दूध अवश्य लें। खान-पान के बाद बारी आती है अच्छी नींद की वैसे तो नए मेहमान के आने से महिलाओं के सोने का रूटीन बिल्कुल बदल जाता है लेकिन जितनी देर सोएं अच्छे से सोएं बिना कोई तनाव सिर पर लिए।प हले के जमाने में महिलाएं जब गर्भ धारण करती थीं उनके खानपान का ध्यान बड़े बुजुर्ग रखते थे। लेकिन जब परिवार का आकार न्यूक्लियर होने लगा और लोगों की जिंदगी व्यस्त हो गईं महिलाएं नौकरी के लिए बाहर आईं तब गर्भावस्था के दौरान और उसके बाद बड़े बुजुर्गों की मदद नहीं मिल पाती। ऐसे में महिलाओं को खुद ही अपनी सेहत का ध्यान रखना पड़ता है। वहीं सेहत का ध्यान खान-पान के बगैर अधूरा है। गर्भावस्था महिला के लिए एक ऐसी अवस्था होती है, जब उसे अपने स्वास्थ्य के साथ-साथ होने वाले बच्चे के स्वास्थ्य की भी चिंता करनी होती है। ऐसे में उसके लिए यह जरूरी हो जाता है कि वह ऐसा पौष्टिक आहार ले जो उसे ताकत दे ही उसके बच्चे के लिए भी लाभदायक हो । ऐसे कई व्यंजनों पर महिलाएं ध्यान दे सकती है ।जो गर्भावस्था में महिलाओं और उनके बच्चे दोनों के लिए लाभ दायक होंगी।
- यह जरूरी नहीं कि गर्भवती महिलाएं भोजन की मात्रा पर ध्यान दें कि वह कब कितना भोजन ले रही है बल्कि सही मायनो में उन्हें भोजन की किस्म पर ध्यान देना चाहिए कि वह खुराक क्या ले रही हैं।
- गर्भावस्था के दौरान पोषक तत्व युक्त खाना बहुत जरूरी है। ये पौष्टिक खुराक ही बच्चे के विकास में बहुत उपयोगी है।
- गर्भावस्था में महिलाओं को अपने खाने में कैलोरी की मात्रा अधिक कर देनी चाहिए जिससे मां ओर बच्चे को भरपूर आहार मिल सकें।
- महिलाएं अपने खाने में दूध अंडे फल आदि लें और तैलीय खाने पर जितना हो संयम बरतें।
- भारतीय व्यंजनों के दौरान आप यदि स्वस्थ आहार लेती हैं तो आप स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों से बच सकती हैं।
- यदि आप भोजन में हरी पत्तेदार सब्जियां, बीज वाली फलिया, मौसम के हिसाब से फल, दूधयुक्त खाद्य पदार्थ, सोयाबीन, दलिया, ओटमील, मूंगफली, अंकुरित दालें जैसी चीजों को सही मात्रा में लेती रहें तो निश्चित रूप से आप स्वस्थ रहेंगी और आपके होने वाले बच्चे का विकास भी सही रूप में होगा।
- गर्भवती महिलाओं को भारतीय व्यंजन में ध्यान रखना चाहिए कि उनके व्यंजनों में प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन, विटामिन, फोलिक एसिड जैसे पोषक तत्वों का समावेश हो, यदि वे इस बात का ध्यान रखेंगी तो गर्भावस्था के दौरान उन्हें कम परेशानियां होंगी।
- आमतौर पर कहा जाता है भ्रूण के विकास के लिए प्रोटीन बेहद आवश्यक है ऐसे में आपको अपने व्यंजनों में प्रोटीन की मात्रा का खास ध्यान रखना चाहिए। जो भी आप खाना लें उसमें प्रोटीन की भरपूर मात्रा हो। मछली, मासं, अंडे में प्रोटीन भरपूर मात्रा में पाया जाता है लेकिन आप शाकाहारी भोजन लेना पसंद करती हैं तो आपको् पनीरयुक्त खाद्य पदार्थों का सेवन अवश्य करना चाहिए।
sundar gyan vardhk avm upyogi prastuti,new post "mere chehre ko apna....."
जवाब देंहटाएंउपयोगी जानकारी,आभार राजेंदर जी।
जवाब देंहटाएंटेम्पलेट में बदलाव किये बगैर सभी पोस्टों एक लाइन में चलते हुए दिखाएँ
स्वास्थ्यवर्धक जानकारी !!
जवाब देंहटाएंआभार !!
उपयोगी और आवश्यक ..
जवाब देंहटाएंबधाई !
बहुत बढ़िया अ -पडेट।
जवाब देंहटाएंबहुत ही उपयोगी जानकारी.
जवाब देंहटाएंगर्भावस्था पर बहुत ही उपयोगी प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंबहुत ही सार्थक और उपयोगी जानकारी है.
जवाब देंहटाएंज्ञानवर्धक प्रस्तुतिकर,आभार.
जवाब देंहटाएंजनकल्याणकारी जानकारी.
जवाब देंहटाएंसुंदर.
badiyan jankari,aabhar.
जवाब देंहटाएंbahut badhiya jankari
जवाब देंहटाएंVery good
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